L19/Ranchi : राजधानी रांची में बन रहे केंद्र प्रायोजित योजना लाइट हाउस को लेकर अब लोगों की दिलचस्पी कम होने लगी है। 315 वर्ग फीट के फ्लैट को लेकर अब लोगों ने नोडल एजेंसी रांची नगर निगम से पैसे वापसी की मांग करने लगे हैं। हाल ही में लाइट हाउस का एक बड़ा छज्जा गिर गया था, इसके बाद से आवंटियों में खलबली मची हुई है। प्रोजेक्ट के कई लाभुक नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि उनके पैसे वापस मिल जाएं।
इस प्रोजेक्ट में कुल 1,008 आवासीय इकाइयों का निर्माण हो रहा है। प्रोजेक्ट के तहत नई तकनीक का इस्तेमाल कर कम लागत में टिकाऊ और आपदारोधी मकान तैयार करने की योजना है। हैदराबाद की कंपनी परियोजना की संवेदक कंपनी है। लेकिन निर्माण कार्य में गड़बडी की खबर मिलने के बाद लोगो में इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्चस्पी कम हो गई है। इस प्रोजेक्ट का लाभ लेने के लिए नगर निगम में बीते पिछले एक महीने से दुबारा आवेदन मंगाये जा रहे हैं, लेकिन एक महीने में मात्र 130 आवेदन ही निगम को प्राप्त हुए हैं। लाभुकों का कहना है कि बिना गुणवत्ता की जांच के अब वो आवास नहीं लेंगे।
रांची नगर निगम के माध्यम से फ्लैटों का आवंटन किया जाना है। लॉटरी के जरिए लगभग 700 लाभुकों को फ्लैटों का आवंटन हो चुका है। निर्माण पूरा नहीं होने के कारण अब तक किसी फ्लैट का स्वामित्व नहीं मिला है। लाभुक का कहना है कि प्रधानमंत्री ने हमें अपने घर का सपना दिखाया था। बैंक से लोन लेकर हम ये सपना पूरा करने वाले थे। किराये के मकान का भाड़ा और बैंक किश्त हम इस दोहरी मार को झेल रहे हैं। अब हमें मालूम चला कि जिस घर का सपना हमें दिखाया गया था वो घर रहने लायक ही नहीं है। ऐसे में हम क्या करेंगे। निगम हमें पैसे लौटाने को तैयार नहीं है।
प्रोजेक्ट के तहत हर आवासीय इकाई पर करीब 13 लाख रुपए खर्च किये जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार प्रति आवास 5.5 लाख रुपये का अनुदान दे रही है, जबकि राज्य का हिस्सा प्रति आवास एक लाख रुपए ही है। लागत की शेष राशि लगभग सात लाख रुपए लाभुक से ली जा रही है। इसके बाद लॉटरी के आधार पर फ्लैटों का आवंटन किया जा रहा है।. राजधानी में चल रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।