L19 DESK : भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले विधेयकों की जांच के लिए गुरुवार को एक संसदीय पैनल की बैठक की गई। गृह सचिव अजय भल्ला समिति के सदस्यों के समक्ष तीन विधेयकों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पर एक प्रस्तुति देने वाले हैं।
तीनों बिल मौजूदा कानूनों में सम्पूर्ण बदलाव की मांग करते हैं, जिन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में औपनिवेशिक विरासत के रूप में वर्णित किया था। गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले सत्र में तीनों बिल को पेश किया था। अब इन विधेयक को लोगों की समकालीन जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने वाले नए अधिनियमों के साथ बदल दिया
बता दे की सरकार द्वारा संसद के अगले सत्र में अद्यतन विधेयक पेश करने के लिए स्थायी समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी। भाजपा सदस्य बृजलाल गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। विधेयकों को पेश करते वक्ती अमित शाह ने कहा था कि ये भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को बदल देंगे और उन्होंने यह भी कहा था कि ये बदलाव त्वरित न्याय प्रदान करने और एक कानून प्रणाली बनाने के लिए किए गए हैं। यह कदम सभी लोगों की समकालीन जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करती है।