
L19/Ranchi: झारखंड में स्थानीय निकायों के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा अब झारखंड राज्य पिछड़ा आयोग तय करेगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसका प्रस्ताव पारित कराने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 26 जून को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी जायेगी। वैसे राज्य का पिछड़ा आयोग फिलहाल अध्यक्ष विहीन है। इस पद पर जल्द किसी के मनोनयन का सरकार, निर्णय कैबिनेट की बैठक में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी मुहर लग सकती है। आयोग में फिलहाल एकमात्र सदस्य कृष्ण कुमार सिंह हैं। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए आयोग को पूर्ण अस्तित्व आवश्यक है। इससे राज्य के 35 से अधिक नगर निगम और स्थानीय निकायों के चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के 4 मार्च 2021 को दिए गए फैसले के अनुसार स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का अनुपात तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट जरूरी है। फैसले के अनुसार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान तय करने के लिए आयोग का गठन किया जाना है। आयोग को निकायों के कुल सीटों का 50 फीसदी की अधिसीमा (एसटी, एससी और ओबीसी) के तहत निकाय वार पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की पात्रता की समीक्षा कर राज्य सरकार को अनुशंसा करनी है। धनबाद, देवघर, चास नगर निगम सहित लगभग 15 निकायों का कार्यकाल 2020 में ही समाप्त हो गया है। वहीं अप्रैल 2023 में रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, मेदिनीगर और आदित्यपुर नगर निगम सहित 20 से अधिक निकायों का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। इन सभी निकायों का कामकाज फिलहाल प्रशासक अथवा मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संभाल रहे हैं।
