L19 Ranchi : रांची: सात जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य और ईडब्ल्यूएस (सवर्ण जाति) का आरक्षण 10% किस आधार पर नीति बनाई गई है। सरकार दे जवाब!
राज्य में जिला स्तरीय पदों पर नियोजन के लिए सरकार ने सभी जिलों में आरक्षण रोस्टर लागू कर दिया है। जिसमें स्पष्ट है कि ओबीसी वर्ग के साथ सरकार ने घोर भेदभाव किया है। अधिसूचित क्षेत्र के सात जिलों में भी ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है। जबकि वहीं ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 10% दिया जाएगा।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा सरकार से इस तुगलकी आरक्षण सिस्टम के खिलाफ मांग करता है कि अविलंब रोस्टर में सुधार किया जाए और ओबीसी आरक्षण भी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुसार 50% दिया जाए।
उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सभी दलों के ओबीसी विधायक, ओबीसी समुदाय के अधिकार दिलाने में विफल साबित हुए हैं कहा कि उन्होंने ओबीसी समुदाय को केवल प्रयोग किया है। इसलिए वे अविलम्ब इस्तीफा दें और माफी भी मांगें!
सवाल है कि वे सात जिले जहां ओबीसी आरक्षण शून्य कर दिए गए हैं उनमें लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम और दुमका जिले के नाम शामिल हैं इन जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य क्यों किया गया? आखिर ओबीसी विधायकों के रहते सदन में आवाज बुलंद क्यों नहीं हुई?
गुप्ता ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में भी ओबीसी समुदाय को को उनका हक़ अधिकार नहीं मिला, ऐसे में उम्मीद थी कि वर्तमान यूपीए की सरकार में ओबीसी समुदाय के साथ इंसाफ होगा और उन्हें उनका हक और अधिकार मिलेगा, लेकिन दोनों सरकारों ने ओबीसी समुदाय के साथ दगा किया उन्हें उपेक्षित किया। यह भी कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की मांग इसीलिए की थी और मोर्चा द्वारा आज भी यह मांग जारी है।
प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश जयसवाल सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा प्रदेश महासचिव अजय मेहता प्रमोद कुमार रांची ग्रामीण जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद साहू कार्यालय प्रभारी संतोष शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
भवदीय
अशोक कुमार कुशवाहा
मीडिया प्रभारी हरमू रांची