L19 DESK : राज्य में भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने के लिये सभी सरकारी विभागों में टेंडर की प्रक्रिया अब ऑनलाइन की जायेगी। इसके लिये 16 अक्टूबर से टेंडर को ऑनलाइन लागू किया जायेगा। यानि अब से झारखंड में पुल-पुलिया, पेयजल, सड़क, बांध, भवन निर्माण सहित अन्य परियोजनाओं का टेंडर ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा ही लागू किया जायेगा।
वहीं, ठेकेदारों को निविदा फी और अर्नेस्ट मनी का भुगतान 16 अक्टूबर से ऑनलाइन करना होगा। निर्धारित तिथि के बाद ऑफलाइन माध्यम के जरिये टेंडर स्वीकार नहीं किया जायेगा। बता दें, ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां पायी जा रही थी जिसे देखते हुए अब यह फैसला राज्य सरकार ने लिया है। रिपोर्ट्स बताते हैं कि आईटी विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ मिलकर एक पेमेंंट गेटवे तैयार किया है। फी का भुगतान इसी गेटवे के जरिये ही होगा, ताकि उस पर निगरानी की जा सके।
ये नयी व्यवस्था अब तक पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पेयजल स्वच्छता विभाग, ऊर्जा, नगर विकास विभाग में विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये पीडब्ल्यूडी कोड के प्रावधानों के अनुसार ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाता था। इसमें कई तरह की गड़बड़ियां पायी जाती थी। इसके जरिये काली कमाई भी की जाती थी। गौरतलब है, इसी साल ग्रामीण कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम के आवास पर छापेमारी में झारखंड में टेंडर प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियों का पता चला था। इसके जरिए वीरेंद्र राम और उसके सहयोगियों ने करोड़ों की कमाई की। हाल ही में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का के बारे में भी ईडी ने खुलासा किया कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर उन्होंने काली कमाई की।