L19/Ranchi : झारखंड की कैबिनेट की बैठक में बुधवार को एक अहम फैसला लिया गया। राज्य में एससी एसटी एक्ट 1989 के तहत दर्ज केस की जांच अब इंस्पेक्टर और दारोगा स्तर के अधिकारी भी कर सकेंगे। इससे पहले केवल डीएसपी स्तर के अधिकारी को ही जांच का अधिकार प्राप्त था। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी है।
किन-किन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर ?
इसके साथ ही इस बैठक में 1984 सिख विरोधी दंगे में बोकारो जिले के कुल 24 पीड़ितों-आश्रितों को 1.20 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल सकती है। साथ ही न्यायिक सेवा के अधिकारियों को एसीपी की स्वीकृति में एक साल से अधिक का समय लगने पर हर साल एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि प्रदान किये जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकता है। वहीं, पलामू के हरिहरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा पदाधिकारी की बर्खास्तगी पर भी कैबिनेट स्वीकृति दे सकती है।
इसके साथ ही राजस्व व भूमि सुधार विभाग के परगनैत के मानदेय में भी तीन गुना वृद्धि की जा सकेगी। वर्तमान में 1000 रुपये मानदेय के रूप में मिलता है। इसे 3000 किये जाने का प्रस्ताव है। कैबिनेट झारखंड भूगर्भ जल सेवा नियमावली 2023 को भी मंजूरी दे सकती है। इनके अलावा ग्रामीण सड़क निर्माण से लेकर अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी रजामंदी दे सकती है।
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकता है। 15 से 22 नवंबर के बीच शीतकालीन सत्र आहूत होने की संभावना है। सत्र के दौरान हेमंत सोरेन सरकार पेंशन से संबंधित नई नियमावली ला सकती है। इसके तहत राज्यकर्मियों और अधिकारियों ने अगर एक से अधिक विवाह किया है, तो उनकी पहली पत्नी को ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कर्मी या अधिकारी के निधन के बाद पहली पत्नी ही पेंशन की अधिकारी होगी। शीतकालीन सत्र में हेमंत सरकार अपना दूसरा अनुपूरक बजट भी पेश करेगी।