L19 DESK : बिहार में आरक्षण बढ़ाने वाली नई आरक्षण नीति को राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही इस बिल पर हस्ताक्षर कर इसे को सरकार के पास लौटा दिया है। रिजर्वेशन बिल को राज्यपाल के स्तर से मंजूरी मिलने के बाद गजट जारी कर दिया गया। अब सभी सरकारी नौकरियों और सभी नामांकन प्रक्रियाओं में आरक्षित वर्ग के लोगों को 65% और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण मिलेगा।
नई आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जाति (एससी) के लिए मौजूदा 16% की बजाय 20%, एसटी के लिए 1% की बजाय 2%, पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए 12% की बजाय 18% और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 18 फीसदी की बजाय 25% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पिछड़ी जाति की महिलाओं को दिया जाने वाला 3 प्रतिशत आरक्षण को उसी वर्ग के आरक्षण में समाहित कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पहले की तरह 10 फीसदी आरक्षण मिलता रहेगा।
गौरतलब है, बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन नई आरक्षण नीति की अधिसूचना का इंतजार कर रहा था। ताकि निचली जाति के लोगों को सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में बड़ी हिस्सेदारी का दावा करने में मदद करने के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया जा सके। ऐसे अब आरक्षण संशोधन बिल 2023 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद जदयू और आरजेडी के कैंपने को तेजी मिलेगी।
जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार कह चुके हैं कि जैसा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है, पार्टी के वरिष्ठ नेता एक साथ मिलेंगे और जनता तक पहुंचने के तौर-तरीकों पर जोर देंगे और उन्हें आरक्षण में वृद्धि के लाभों के बारे में बताएंगे और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उनका समर्थन मांगेंगे।
इससे पूर्व, राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने अन्य 3 विधेयकों में बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 और बिहार विनियोग विधेयक 2023 को मंजूरी दी थी। जिन पर राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद गजट प्रकाशित कर दिया था।