L19 DESK : लातेहार जिले के चंदवा शहर के सुभाष चौंक में सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई गई. इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता निर्मल कुमार भारती ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी नेता और सच्चे देशभक्त सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है, साल 2021 से इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर भी मनाया जा रहा है, इस साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती है.
वहीं, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष असगर खान ने कहा कि आज हम यहां एक ऐसे महान नेता की जयंती मनाने के लिए इकठ्ठा हुए हैं, जिनकी वीरता और देशभक्ति ने हमें प्रेरित किया है, यहां हम बात कर रहे हैं सुभाष चंद्र बोस की जिन्हें नेताजी के नाम से भी जाना जाता है, सुभाष चंद्र बोस ने कभी ब्रिटिश शासन के सामने सिर झुकाना स्वीकार नहीं किया, उनका मानना था कि संघर्ष से ही देश को आजादी मिल सकती है, यही वजह है कि उन्होंने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया, यह केवल शब्द नहीं थे बल्कि क्रांति की पुकार थी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में एक अलग ही जोश भर दिया.
वरिष्ठ नेता रामयश पाठक ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक से बढ़कर एक नारे दिए है, आज हमारी एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके, एक शहीद की तरह मृत्यु का सामना करने की इच्छा, ताकि शहीद के खून से स्वतंत्रता का मार्ग बन सके,
हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए, जब हम खड़े होते हैं, जो आजाद हिंद फौज को ग्रेनाइट की दीवार की तरह होना चाहिए, जब हम मार्च करते हैं तो आजाद हिंद फौज की तरह होना चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार डे ने कहा कि एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन उसका विचार मृत्यु के बाद हजार जन्मों तक अमर हो जाता है, अपने देश के लिए हमेशा वफादार रहने वाले, अपने प्राणों का त्याग करने के लिए हमेशा अमर होते हैं.
वहीं, समाजसेवी सुधीर प्रसाद ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की जयंती-पराक्रम दिवस के दिन स्कूलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और नेताजी के संघर्ष को याद किया जाता है, सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था, नेताजी का जीवन संघर्ष, साहस और देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है. नेताजी का प्रसिद्ध नारा था, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, सुभाष चंद्र बोस का यह नारा आज भी लोगों के दिलों में देशभक्ति और जोश जगा देता है.
इनके अलावा कैलाश बैठा ने कहा कि आज नेताजी की जयंती के मौके पर हम उन्हें याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं, साथ ही यह संकल्प लेते हैं कि देश की सेवा, सम्मान और समाज को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए, हम यहां एक महान स्वतंत्रता सेनानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहे हैं, नेताजी ने भारत की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. नेताजी ने हमें सिखाया कि देश के लिए कुछ करना कितना जरूरी है, उन्होंने हमें देशभक्ति और बलिदान का पाठ पढ़ाया. आज के युवाओं को नेताजी से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए साथ ही देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए.
मौके पर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष असगर खान, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामयश पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार डे, समाजसेवी निर्मल कुमार भारती, सुधीर प्रसाद, आप नेता ट्विंकल कुमार, कैलाश बैठा, बालाजी उरांव, पप्पू सर, मनीष भारती, मुकेश कुमार सिंह, श्रील टोप्पो, भरत यादव, श्री भोला, ज्ञइजरायल, अरुण भारती, अजीत बनारसी, जीतू प्रसाद, मोहम्मद रशीद, बबलू खान, मनोज सिंह, सुनील ठाकुर, ज्ञरामचंद्र ठाकुर, मनोज साव, प्रमोद गिरी, धर्मेंद्र भारती, अनूप प्रसाद व बाल सृष्टि विद्यालय के कई छात्र और छात्राएं शरीक हुए.