L19/Chatra : चतरा जिले से इंसनयित को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है। चतरा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से आए दिन मरीजों की जाने जाती है । हांलाकी विभाग अपनी साख बचाने के लिए जांच के नाम पर खानापूर्ति कर खुद को पाक साफ साबित करने में लगा है । ऐसा ही एक मामला कोल्हैया पंचायत के लारा लूटुदाग गांव की एक प्रसूता के साथ शुक्रवार की रात को घटी एक घटना का है ।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की असंवेदनशीलता व लापरवाही की कीमत प्रसूता गुंजन देवी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी । बताते चलें कि गुंजन को प्रसव के लिए उंटा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था । सही वक्त पर प्रसूता का उपचार कर प्रस्रव नहीं होने के कारण महिला की मौत हो गई ।
बताया जा रहा है कि गुंजन देवी को प्रसव के लिए 17 मार्च की शाम को ऊंटा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था । परंतु प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव हो जाने के बावजूद प्रसूता को वहां से कहीं नहीं लेगा गया बल्कि वही उसे रात भर रखा गया। जिसके कारण सुबह जब मरीज की सांसे थमने लगी तो अस्पताल प्रबंधन कुंभकर्णी नींद से जागा और उसे ममता वाहन से सदर अस्पताल ले जाने लगे । हालांकि सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही गुंजन देवी की मौत हो गई।