राँची:राँची के मोराबादी राजयकीय अतिथि साला में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने चार जिलों के आठ आदिवासी मामलों की सुनवाई किया
देवघर निवासी राजेश मुर्मू ने आयोग के समक्ष बताया कि 28 दिसंबर 2013 को सिकटिया गांव आने के क्रम में शाम सात बजे कपसियो गांव के समीप ब्रेकर के पास ताश खेल रहे लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज किया और मापपीट भी की। इस घटना में उनके शरीर की दो हड्डी टूट गई थी। सारठ सीएचसी में पुलिस ने दो घंटे तक घायलावस्था में ही रखा। जब दूसरे दिन इस मामले को लेकर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने गए तो पुलिस कर्मियों ने पैसे की मांग की। मारपीट करने वालों पर पुलिस की ओर से न तो किसी प्रकार की कार्रवाई की गई और ना ही किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया। पुलिस की ओर से आरोपितों को गिरफ्तार भी नहीं किया गया। इस घटना के बाद आरोपितों की ओर से मुझे धमकी भी दी जा रही है। आयोग की ओर से इस मामले मेंं एसपी को निर्देश दिया गया कि पीड़ित के साथ-साथ गवाहों का बयान भी दर्ज करें। एसडीपीओ को निर्देश दिया गया कि इस मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करें।
खूंटी निवासी व शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्तिक भगत ने बताया कि कोविड के दौरान वे बीमार थे। फिर भी उन्हें न तो छुट्टी दी गई और ना ही वेतन। बीमारी के दौरान भी उन्हें जाति सूचक गाली भी दी गई। इस मामले को लेकर उन्होंने 21 सितंबर 2021 को आयोग में शिकायत की थी। आयोग की ओर से निर्देश दिया गया कि पीड़ित के जुलाई 2021 के बकाया वेतन का भुगतान व इलाज के दौरान हास्पिटल में किए गए खर्च का भुगतान किया जाए। साथ ही केक सप्ताह के अंदर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट दें।
सिमडेगा जिला स्थित बानो निवासी सुचिता बागे ने बताया कि उनके पति बानो सामुदायिक हास्पिटल में होमगार्ड के पद पर काम करते थे। कोविड के दौरान उन्हें कोरोना हो गया था। इलाज के लिए उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया था। इसके बाद इलाज के लिए टाटा मेमोरियल हास्पिटल व सीएमसी वेल्लोर भी गए थे। जांडिस व लीवर इंफेक्शन के कारण 18 फरवरी 2021 को उनकी मौत हो गई। इसके बाद होमगार्ड के कमांडेंट ने कहा था कि मुझे अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल जाएगी। आयोग की ओर से निर्देश दिया गया कि स्पेशल केस के तहत इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाए।