L19/Ranchi: स्वर्णरेखा नदी में पानी से बने सफेद झाग के पहाड़ को देखने के लिए नदी तट पर देखने वालों की भीड़ लग गई। इस झाग के पहाड़ को देख लोग कई तरह की बाते बना रहे हैं। उपस्थित लोग बड़े कारखानों से निकलने वाले रसायन के चलते पानी में बने झाग निकलने की उम्मीद जता रहे हैं, वही दूसरी ओर राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को इस नदी के पानी की नमूनों को जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया है। आपको बता दे स्वर्णरेखा नदी में प्रदूषण को लेकर पहले भी चर्चा होती रही है। इन इलाकों में भवन निर्माण एवं नदी में कारखानों का अपशिष्ट गिराए जाने से हालात बिगड़ने की बात निकाल सामने आ रही हैं। जिस कारण कई मछलियाँ मर कर नदी के किनारे पड़ी थी तो कुछ पानी के प्रावह के साथ बह रही थी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक अमृता मिश्रा ने बताया
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक अमृता मिश्रा ने बताया कि, लंबे समय से नदी में जल प्रवाह रूका हुआ होता है, पर बारिश के दिनों में प्रवाह बढ़ जाता है। ऐसे में सूखी जमीन पर जैविक तत्वों में फास्फेट, नाइट्रेट, अर्गेनिक रसायन, तेलीय पदार्थ पानी में घुलते ही झाग बनने लगता है। जीव-जंतुओं के मृत शरीर में तेलीय पदार्थ तथा फास्फेट की मात्रा अधिक होती है, ऐसे में बारिश का पानी नदी में भरते ही झाग बनना स्वाभाविक है। पानी के नमूनों की जांच होने के बाद पता चलेगा कि किस-किस तरह के रसायन पानी में मिले हैं।
मौके पर पहुँची कई पार्टियाँ और संगठन
सूचना पाकर भारतीय जनता पार्टी, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नीरज सिंह नदी किनारे पहुंचे और प्रभावित लोगों से बातचीत की और उमके समस्या को सुन। उन्होंने एसडीओ से बात कर इसकी जांच कराने की मांग की है।
नदी किनारे रहने वाले सैकड़ों लोग इसी पानी का करते हैं, प्रयोग
नदी किनारे बसे हुए गरीब तबके के लोग इसी पानी का प्रयोग नहाने धोने,मवेशियों को पानी पिलाने आदि मे करते है। नदी का पानी प्रदूषित होने के कारण लोगों के साथ कोई बड़ी अनहोनी न हो जाए इसलिए अविलंब जांच कर समस्या को दूर करने की बात रखी गई। मौके पर मौजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजन अफसर जीतेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के नमूनों की जांच जल्द ही कराई जाएगी और पानी के नमूने रांची लैब भेजने की तैयारी की जा रही है।