L19 DESK : हाल के दिनों में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2022 के क्राइम के आंकड़े पेश किये हैं। इस रिपोर्ट में जेलों की स्थिति के बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में कुल 32 जेल हैं, जिनमें से 7 सेंट्रल जेल, 16 डिस्ट्रिक्ट जेल, 7 सब जेल, 1 ओपन और 1 बोरस्टल स्कूल है। इन जेलों के कैदियों का भी आंकड़ा ब्यूरो ने साझा किया है। इसके जरिये बताया गया है कि राज्य के जेलों में कैदियों को रखने की कुल क्षमता 17,671 है। इनमें पुरुषों की क्षमता 16,725 है, और महिलाओं की 946 है।
मगर असल में कैदियों की संख्या हैरान करने वाली है। रिपोर्ट बताती है कि राज्य के इन जेलों में कुल 19615 कैदी सलाखों के पीछे हैं। यानि क्षमता से 1944 की संख्या में ज्यादा। इन कैदियों में पुरुषों की संख्या 19,615 है तो वहीं, महिलाओं की 828। देखा जाये तो पुरुष कैदियों की ही संख्या अपनी क्षमता से अधिक है। महिला कैदियों की संख्या अपनी क्षमता से कम ही है।
रिपोर्ट इन कैदियों की जाति के आधार पर भी संख्या का जिक्र करती है। जाति के आधार पर कैदियों की संख्या पर नजर डाली जाये तो इनमें सबसे ज्यादा ओबीसी कैटेगरी के अपराधी हैं। इनकी संख्या जेलों में 1819 है। वहीं, 5861 ओबीसी कैदी फिलहाल अंडरट्रायल फेस कर रहे हैं।
ओबीसी के बाद सबसे ज्यादा संख्या एसटी कैटेगरी की है। राज्य के विभिन्न जेलों में बंद एसटी कैटेगरी के कैदियों की कुल संख्या 1633 है जो अपराधी घोषित किये जा चुके हैं। वहीं, एसटी कैटेगरी के ही 4056 कैदी अंडरट्रायल फेस कर रहे हैं। इसी के साथ अगर हम एससी समुदाय के कैदियों की बात करें तो इनमें 731 सजायाफ्ता हैं, और 2572 अंडरट्रायल में हैं। इसके अलावा, अन्य कैटेगरी के कुल 625 कैदी अपराध सिद्ध हो जाने के बाद जेल की हवा खा रहे हैं, तो वहीं 2297 अंडरट्रायल में हैं।