L19/W. Singhbhum : पश्चिमी सिंहभूम के जमशेदपुर में डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल इस इलाके से डेंगू के मरीजों की संख्या सबसे अधिक पायी गयी है, जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिये चिंता का विषय है। इस संबंध में मंगलवार को रांची से स्वास्थ्य विभाग की टीम जमशेदपुर पहुंची। टीम में शामिल रिम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ अजीत डुंगडुंग, डॉ दिवेश, संज्ञा सिंह, मनोज सिंह, डॉ रंजन वर्णवाल ने डीडीसी मनीष कुमार, सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद टीम टीएमएच गयी। वहां इलाज के तरीके और अबतक डेंगू से हुई मौतों के कारणों की जानकारी इकट्ठा की।
इस बीच टीम को पता चला कि टीएमएच में अब तक डेंगू से 11 मरीजों की जान जा चुकी है। इनमें से 6 वैसे मरीज थे, जो डेंगू के साथ साथ अन्य बीमारियों के भी गिरफ्त में थे। इसके अलावा, दो ऐसे मरीज थे, जिनकी मौत दो से तीन घंटे के भीतर हो गयी। वहीं, दो मरीजों की मौत डेंगू शॉक सिंड्रोम से हुई। टीम को जांच के दौरान ये भी मालूम पड़ा कि इस बार डेंगू का वायरस अलग तरह का है। वह तेजी से शरीर के कई अंगों को डैमेज कर रहा है। इस जांच के आलोक में अब यह सैंपल भुवनेश्वर भेजा जायेगा, ताकि डेंगू के नये वेरिएंट का पता लग पाये। सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने बताया कि डेंगू चार तरह के होते हैं। ऐसे में यहां कौन सा वेरिएंट एक्टिव है, यह पता लगाना आवश्यक है।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सवाल किये कि डेंगू के बढ़ते प्रकोप के रोकथाम के लिये क्या क्या कदम उठाये गये हैं और किन क्षेत्रों में मरीज़ मिल रहे हैं? सिविल सर्जन ने जवाब देते हुए कहा कि इसके लिये विभाग की ओर से कई स्तर पर उपाय किये गये हैं। विभाग द्वारा घरों की जांच औऱ कितने लार्वा मिले, इसका डेटा तैयार किया जा रहा है। फॉगिंग की भी प्रक्रिया चल रही है।