L19/Ranchi : आइईडी ब्लास्ट में शहीद हुए जवान संतोष उरांव ने अपने अंतिम समय में कहा था कि मैं जल्द घर आऊंगा। एक महीने की छुट्टी लेकर घर आऊंगा। घटना के करीब 3 घंटे पहले कॉन्सटेबल संतोष उरांव ने अपनी पत्नी और भाई से एक एक कर के फोन पर बात की और ये बात कही। इस दौरान उन्होंने सभी का हाल चाल जाना, और एक महीने की छुट्टी लेकर घर आने की भी बात कही। शहीद संतोष उरांव गुमला के रहने वाले थे। उनके परिवार में मां, पत्नी औऱ दो छोटे-छोटे बच्चे और एक भाई है। सभी का रो रोकर बुरा हाल है। यही नहीं, पूरे गांव में मातम का माहौल है।
बताया जाता है कि संतोष उरांव की पोस्टिंग पहले खूंटी जिले में थी। मगर एक महीने पहले नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे सर्च ऑपरेशन में उन्हें शामिल किया गया। इसके बाद उनकी पोस्टिंग पश्चिमी सिंहभूम में की गयी। शहीद के भाई ने कहा कि संतोष पूरे परिवार की जिम्मेदारी खुद उठाते थे। हमें गर्व है कि इस देश के खातिर उन्होंने खुद को न्यौछावर कर दिया। आज सुबह पार्थिव शरीर पैतृक गांव तुरिया डीह लाया गया है। जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
जानकारी हो, घटना जिले के गोईलकेरा थाना क्षेत्र के हाथीबुरु इलाके की है, जहां नक्सलियों ने आईईडी बिछा रखे थे। इसकी चपेट में आने से सीआरपीएफ जवान गुमला निवासी संतोष उरांव शहीद हो गये। वहीं, शौर्य चक्र विजेता जवान विजेटो टिनी और एक अन्य जवान जयंता नाथ भी इस ब्लास्ट की चपेट मे आने से गंभीर रुप से घायल हो गये हैं। जयंता नाथ की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिये रांची लाया गया है।
सीआरपीएफ 60 बटालियन के जवान हाथीबुरु लोवाबेडा जंगल की ओर नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर निकले थे। इस दौरान रास्ते में जवानों को जमीन के नीचे फिट किया गया आईईडी मिला। जवान इसे डिफ्यूज करने के लिये बाहर निकाल रहे थे। इसी क्रम में ये ब्लास्ट हो गया।