L19 : दिल्ली शराब नीति केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की रिमांड 5 दिन बढ़ा दी हैं । अब सिसोदिया को 22 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहना होगा। जांच एजेंसी ने कोर्ट से 7 दिन कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी।
ईडी ने कोर्ट में कहा की LG ने जब इस मामले की शिकायत की तो सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था, लेकिन एजेंसी ने उनके मोबाइल डेटा को फिर से निकाल लिया है। अब एजेंसी उनके ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा का विश्लेषण कर रही है। अभी हमें सिसोदिया से और सवाल पूछने हैं ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने कहा कि 18 और 19 मार्च को मामले से जुड़े दो लोगों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। उन्हें सिसोदिया के सामने बैठाकर ई-मेल और मोबाइल से मिले डेटा के बारे में पूछताछ करनी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल से मिले डेटा के बारे में पूछताछ करने के लिए उन्हें कस्टडी में रखने की जरूरत नहीं है। यह काम तो आप जेल में भी कर सकते हैं।
सिदोदिया के वकील ने कहा : प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या है ?
सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ किसी क्राइम का जिक्र नहीं किया है। एजेंसी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हैं? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ। कन्फ्रंट कराने के लिए हिरासत की जरूरत नहीं होती।
जब सीबीआई मामले में पूछताछ कर चुकी है तो ईडी को पूछताछ करने की क्या जरूरत है? ईडी अब सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है।
मनीष सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने 7 दिनों की कस्टडी में उनसे रोजाना सिर्फ आधा से एक घंटा ही पूछताछ की है। सिर्फ गुरुवार को उनसे देर रात तक पूछताछ हुई थी।