L19 Desk : झारखंड में अगर सुरक्षा व्यवस्था की दाद देनी हो, तो उदाहरण आपके सामने है, राजधानी रांची का होटवार जेल। यहां पर सुरक्षा की व्यवस्था इतनी पुख्ता है, कि कैदी भी जेल से पूरी सुरक्षा के साथ भाग जाते हैं। यहां इतनी कड़ाई है, कि कैदी आपस में मिलकर आराम से प्लैन कर सकते हैं, जेल से ही आम लोगों, यहां तक कि अधिकारियों को धमकी तक दे सकते हैं। हम फिलहाल बात कर रहे हैं राजधानी रांची के सबसे सुरक्षित और हाईसिक्योरिटी वाले होटवार जेल से सुरक्षित फरार होने वाले कैदी की।
इस कैदी ने एक तीर से दो निशाने लगा दिये, उसने जेल से भागने में तो सफलता हासिल कर ही ली, साथ ही साथ होटवार जेल की हाई लेवल सिक्योरिटी की एक बार फिर पोल खोल कर रख दी। अब इस मामले में जो रिपोर्ट सौंपी गयी है, उसमें एक और नया खुलासा हुआ है। पता चल गया है कि आखिर 7 साल से जेल में बंद और उम्रकैद की सज़ा काटने वाला कैदी आखिर 300 सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी और 25 फीट की ऊंची दीवार के रहते कैसे सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर भाग निकला, और जेल प्रशासन की चूक कहां रह गयी।
25 फीट ऊंची दीवार, 24 घंटे वॉच टावर की निगरानी के बीच कैसे भाग निकला कैदी ?
दरअसल, बीते शुक्रवार को एक खबर सामने आयी कि होटवार जेल में 7 सालों से कैद और उम्रकैद की सज़ा काटने वाला सजायाफ्ता समीर तिर्की 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर जेल से फरार हो गया। कुख्यात अपराधी समीर तिर्की अपहरण और हत्या के मामले में जेल की सज़ा काट रहा था। और देखिये जेल प्रशासन का अनुशासन, समीर तिर्की के जेल से फरार होने की खबर प्रशासन को अगले दिन मिलती है। जबकि यहां 24 घंटे वॉच टावर की मदद से पूरे जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी रखी जाती है।
जेल परिसर में चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, इसके बावजूद जब समीर तिर्की नहीं मिला तो उसे कैमरे के ज़रिये ढूंढने की बजाय, झाड़ियों के पीछे खोजते रहे। कैदी गुरुवार की रात को फरार हुआ, और प्रभारी जेलर ने अगले दिन शुक्रवार की शाम 5 बजे खेलगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी।
जेल प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही ने कर दिया सुरक्षा व्यवस्था का पोल खोल
जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण अब उनपर एक्शन लिया गया है। जेल आईजी सुदर्शन मंडल ने आधा दर्जन कक्षपालों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, एआईजी की रिपोर्ट में कुछ अहम खुलासे भी हुए हैं। रिपोर्ट में सामने आया है कि जेल के 12 नंबर वार्ड में आधा दर्जन कक्षपालों की तैनाती थी, इन कक्षपालों ने जब वार्ड में कैदियों को डाला, तो उनकी गिनती नहीं की। अगर करते तो उन्हें कैदियों की संख्या कम होने की जानकारी रात में ही मिल जाती, और तब तक में कैदी को पकड़ा जा सकता था। लेकिन कक्षपालों की लापरवाही से रात भर में कैदी पुलिस की पकड़ से कोसों दूर चला गया। रिपोर्ट सामने आने पर जेल प्रशसान ने अपने स्तर से जांच की। जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी पड़ताल की। पता चला कि कुख्यात उग्रवादी समीर तिर्की सीसीटीवी कैमरे के केबल के ज़रिये जेल की 25 फीट ऊंची दीवार पर चढ़ा और फांदकर फरार हो गया।
जिस कैदी को मिली थी देख रेख की जिम्मेदारी, वही मौका पाकर हुआ फरार
मिली जानकारी के मुताबिक, सजायाफ्ता समीर तिर्की को वार्ड नंबर 12 में अन्य कैदियों को शाम 6 बजे बंद करने का जिम्मा दिया गया था। इसके अलावा, दिनभर जेल के पार्क की देखभाल करने का काम भी समीर को ही सौंपा गया था। गुरुवार की देर शाम 6 बजे तक समीर ने वार्ड नंबर 12 के सभी कैदियों की गिनती कर अंदर भेजा। इसके बाद चापानल पर जाकर हाथ पैर धोये, और चकमा देकर जेल की चहारदीवारी की ओर चला गया। दीवार से लटके केबल के सहारे पहले 22 फीट ऊंची दीवार फांदी, फिर 15 फीट की दीवार पर हाथ पैर के सहारे चढ़ा, और दूसरी तरफ कूद गया।
बताया जा रहा है कि जिस दिन समीर तिर्की जेल से फरार हुआ, उस दिन वॉच टावर से सुरक्षाकर्मी गायब थे। रात में कोई भी मॉनिटरिंग नहीं कर रहा थी, इस वजह से समीर इतनी आसानी से भागने में सफल रहा। दूसरी ओर, मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने सदर डीएसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने बीते कल शनिवार को कुख्यात उग्रवादी समीर तिर्की के गुमला स्थित आवास औऱ ठिकानों पर छापेमारी की, साथ ही परिजनों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं लग पाया।
ईडी अधिकारियों को होटवार जेल से ही धमका चुके हैं ये कैदी
हालांकि, होटवार जेल में सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ने वाली ये खबर पहली नहीं है। इससे पहले भी जेल प्रशासन की सिक्योरिटी पर सवाल खड़े हुए थे, जब रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, प्रेम प्रकाश समेत जमीन घोटाला मामले में अन्य आरोपी मिलकर जेल में प्लानिंग कर रहे थे, और ईडी के अधिकारियों को जेल से ही धमकी दे रहे थे, उनको ठिकाने लगाने के लिये नक्सलियों उग्रवादियों का सहारा लेने की योजना बना रहे थे। अब एक बार फिर से होटवार जेल के हाई लेवल सिक्योरिटी की पोल खुल गयी।