L19/DESK : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ी बात कही है,उन्होंने कहा कि अगला चुनाव जातीय जनगणना के मुद्दे पर होगा। जातीय जनगणना की हमारी लड़ाई बहुत पुरानी है। नेताजी मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना की मांग की थी। उस समय की सरकार ने गिनती की लेकिन आंकड़े कभी बाहर नहीं आने दिए। आज बिहार में जो सर्वे किया गया है, उससे एक नई उम्मीद जगी है। अब चाहे दिल्ली की सरकार हो या कहीं की जातीय जनगणना करानी ही पड़ेगी।
जातीय जनगणना से कम से कम ये पता लगेगा कि हमारी आबादी का स्वरूप क्या है और हम कैसे उन गरीब लोगों की मदद कर सकते हैं। जातीय जनगणना के तहत अगर नीतियां बनेंगी तो सामाजिक न्याय की बाबा साहब की कल्पना पूरी होगी।अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में कांग्रेस भी अब जातीय जनगणना के पक्ष में है जो एक चमत्कार है। उन्होंने कहा, पार्टी के लोग बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों को लेकर निकलेंगे। घर-घर जाकर बताएंगे कि किस तरह भाजपा ने संविधान के सामने संकट पैदा कर दिया है।
नई लोकसभा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का संविधान भी बदलने की तैयारी कर रही है।देवरिया कांड को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वहां समाजवादी पार्टी की टीम जाएगी और दोनों पीड़ित परिवारों से मिलेगी। यूपी में गड्ढामुक्त अभियान को लेकर कहा कि जब-जब सरकार कहती है गड्ढा मुक्त, तब सिर्फ दो लोग खुश होते हैं और वो हैं इंजीनियर और ठेकेदार। इससे जनता को राहत नहीं मिलती।
अखिलेश यादव ने कहा कि एक समय आएगा जब बॉर्डर पर स्थित झील को देखने के लिए चीन का वीजा लेना पड़ेगा। समाजवादी पार्टी ने काफी पहले सुझाव दिया था कि ग्वालियर, इटावा से लेकर लिपुलेख तक फोरलेन सिक्स लेन सड़क बननी चाहिए। आज चुनाव होने जा रहा है। ये मांग बहुत पुरानी थी लेकिन आज भी सड़क नहीं बनी। चीन की सीमा पर फौजी नहीं पहुंच सकते हैं।