
L19/Ranchi : मणिपुर में हिंसा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन “इंडिया” के नेता आज रांची में मार्च करेंगे। ये तमाम नेतागण आज मंगलवार को राजभवन और समाहरणालय के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। यह धरना सभी जिला मुख्यालयों में किया जायेगा। बताया जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन द्वारा धरना प्रदर्शन के बाद राज्यपाल और उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा। इसे लेकर प्रशासन भी तैयार है। मार्च के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी कर ली गयी है।
विपक्ष का आरोप है कि मणिपुर हिंसा पर भाजपा ने चुप्पी साध रखी है। लगातार 3 महीने से मणिपुर में हिंसा हो रही है, मगर अब तक भाजपा के नेता-मंत्री के मुंह नहीं खुले हैं। दो समुदाय आमने-सामने हैं और एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। सिर कलम कर देने जैसी घटनाएं हुई हैं। 2 महिलाओं को हजार लोगों की भीड़ ने नग्न अवस्था में सड़क पर परेड कराई। 22 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप किया गया। मणिपुर में ही कूकी समुदाय की 2 युवतियों को गैंगरेप के बाद मार डाला गया। एक युवक का कटा सिर बांस से टंगा मिला।
वहीं, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा को रोकने में नाकाम रही। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मसले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि मणिपुर हिंसा ने बीजेपी के नीयत और सिद्धांत को उजागर किया है।
गौरतलब है, मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद वहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा की स्थिति बनी। इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनायें बढ़ी हैं। आये दिन उनकी हत्या और रेप के वारदात सामने आ रहे हैं। मगर यह सब कांग्रेस और झामुमो को क्यों नहीं दिखाई पड़ता। ये लोग झारखंड की ज्वलंत समस्याओं पर मार्च क्यों नहीं करते।
