L19/Bokaro : चास अनर्गत चंदनक्यारी में कुड़मि जनजाति का कार्यक्रम था कुड़मि जाति प्रवक्ताओं में कहा कि कुड़मि जाति के बच्चों का भविष्य अंधकार में है 1950 से पहले कुड़मि जाति आदिम जनजाति की सूची मे थी। लेकिन सूची से हटा दिया गया है। पुनः आदिम जनजाति सूची में शामिल करने को लेकर 73 वर्षों से लगातार कुड़मि जाति के लोग संघर्ष करते आ रहे हैं।
हमलोग लगातार शैक्षणिक रूप से आर्थिक रूप से सामाजिक रूप से तथा भाषा और सांस्कृतिक रूप से छिन्न होते गए और कमजोर हो गया जिससे कुड़मि जाति के लोग अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं इन सभी बातों को लेकर आज चास चंदनक्यारी के बिनोद बिहारी महतो विस्थापित स्टेडियम रामडीह में कुड़मि जनजाति महा जुटान कार्यक्रम आयोजित की गई है।
जिसमें धनबाद तथा बोकारो से हजारों हजार की संख्या में लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया तथा यहां मंच से वक्ताओं ने कुड़मि जाति के एक जुट होने तथा उसके उत्थान को लेकर अपनी अपनी बातों को रखा तथा कुर्मी जनजाति की अगुवाई कर रहे है।
बोकारो जिला अध्यक्ष मंटू महतो ने उक्त बातें कहते हुए संसद और राष्ट्रपति महोदया से मांग की है कि झारखंड बंगाल उड़ीसा के जो कुड़मि जाति है, उनको संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करें तथा कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने की केंद्र सरकार से मांग करते हुए झारखंड में जातिगत आधारित जनगणना जल्द चालू करने तथा जनगणना के कॉलम में कुरमाली भाषा एवं कुड़मि जाति का भी आस्थान सुनिश्चित करने की मांग की।
रिपोर्ट- नरेश कुमार, बोकारो