SHYAM KEWAT
RANCHI : ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने “कवच प्रणाली” विकसित किया है. इस प्रणाली को ट्रेनों की टक्कर रोकने, सिग्नल की अनदेखी से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है. भारतीय रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया है.
इसी के तहत झारखंड के रांची डिविजन में “कवच प्रणाली” स्थापित करने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है. इस प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर लोको पायलट गति सीमा से अधिक गति से ट्रेन चलाते हैं या सिग्नल की अनदेखी करते हैं तब यह सिस्टम पायलटों को चेतावनी देता है. यदि लोको पायलट इन चेतावनियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते हैं तब यह प्रणाली स्वतः ट्रेन की गति को नियंत्रित कर सकता है.
रांची DRM करुणानिधि सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा पर अत्यधिक ध्यान देती है. मानवीय त्रुटियों , ट्रेनों की टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को कम करने के लिए देश में विकसित “कवच प्रणाली” को पूरे देश में लागू किया जा रहा है. इसी को लेकर रांची रेल डिवीजन में भी सर्वे का काम किया जा रहा है.
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क्या है कवच प्रणाली
भारतीय रेलवे की “कवच प्रणाली” एक स्वदेशी रूप से विकसित प्रणाली है. इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों की आपस में टक्कर रोकना और सिग्नल की अनदेखी जैसी मानवीय गलतियों को खत्म करना है. यदि लोको पायलट किसी कारणवश सिग्नल लाल होने पर ब्रेक नहीं लगाता है तो “कवच प्रणाली” खुद ही ब्रेक लगा देता है. यदि दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आ जाती है तो यह प्रणाली ट्रेनों को एक निश्चित दूरी पर रोक देती है. कोहरे के दौरान जब सिग्नल ठीक से दिखाई नहीं देता है तब यह प्रणाली लोको पायलट को केबिन के अंदर ही सिग्नल की जानकारी दिखा देता है.
किन रूटों पर लगेगी यह प्रणाली
इस प्रणाली को आद्रा, रांची, चक्रधरपुर, और खड़गपुर मंडलों के अंतर्गत आने वाले रूटों पर लगाया जाएगा. इसके तहत खड़गपुर-आद्रा सेक्शन, रांची-टोरी सेक्शन, आसनसोल-आद्रा-चांडिल सेक्शन, कोटशिला-बोकारो स्टील सिटी सेक्शन और पुरुलिया-कोटशिला-मुरी सेक्शन शामिल है. 1563 किलोमीटर का यह पूरा रेल नेटवर्क है.
