L19 DESK : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर ऊर्जा विभाग में बरते जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का जिक्र किया है। मुख्यंमत्री को लिखी इस चिट्ठी में बाबूलाल मरांडी ने 392 करोड़ की निविदा में अनियमितता बरतने की बातें कही हैं। भाजपा अध्यक्ष ने लिखा है कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड ने बगैर विभागीय मंत्री, सचिव के अनुमोदन के ही सरायकेला के चांडल ग्रिड स्टेशन से कोडरमा तक लाइन बिछाने का टेंडर निकाला गया है। इसमें झारखंड राज्य विद्युत नियामक प्राधिकार की सहमति भी नहीं ली गयी है।
दोनों ग्रिड सब स्टेशन की लागत क्रमशः 169 कड़ोड़ व 213 करोड़ रूपये हैं। जेएसइआरसी के अनुमोदन के बिना निविदा निकालना सरासर सरकारी राशि का दुरूपयोग है क्योंकि भविष्य में बिजली दर निर्धारण के समय यह खर्च न्यायसंगत नहीं होने के कारण इसको उचित खर्च नहीं माना जाएगा और इस पर जेसीइआरसी द्वारा टैरिफ के निर्धारण में कोई विचार नहीं किया जायेगा। बाबूलाल मरांडी ने चिट्ठी में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा जेएसइआरसी के द्वारा 175 करोड़ रूपये का थ्रेस होल्ड लिमिट तय किया गया है।
बाबूलाल ने इसके अलावा कई जगहों पर टेंडर का जिक्र करते हुए कहा, बलियापुर व अन्य जगहों के लिए निविदा निकाली गई है जिस पर जेएसइआरसी का अनुमोदन नहीं प्राप्त किया गया है, इस कार्य को भी जेएसइआरसी के द्वारा अनुमति देने से मना किया जा चुका हैं। ये सारे कार्य नियम क़ानून को ताक पर रख कर किया जा रहा है। आप ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं और बिना आपकी कृपा दृष्टि के अधिकारी इतनी बड़ी अनियमितता का नित प्रतिदिन नया कीर्तिमान कैसे बना सकता है ?