L19/Ranchi : झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि पिछले चार महीनों से लगातार कई आंदोलन को ऐतिहासिक सफल बनाने के बाद भी सरकार हमारी मांग पर कई ठोस निर्णय नहीं लेने के कारण बाध्य होकर फिर आंदोलन करेंगे। 60:40 हकमार नियोजन नीति के विरोध अब तीन चरणों में लगातार 31 दिनों तक विभिन्न स्वरूप में आंदोलन का निर्णय लिया है। आज के प्रेस वार्ता में छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो, योगेश भारती, मुकेश, रवीन्द्र, आदिवासी छात्र संघ के अमनदीप मुंडा, सुमित उरांव उपस्थित थे।
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि 60:40 नाय चलतो आंदोलन महज रोजगार या नौकरी को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि झारखंड से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने की लड़ाई है। यह भाषा-संस्कृति रीति रिवाज को बचाने की लड़ाई है। यह जल-जंगल-जमीन को बचाने की लड़ाई है, इसीलिए इस आंदोलन का नेतृत्व अब छात्र, अभिभावक, किसान, मजदूर, आदिवासी-मूलवासी मिलकर लड़ेंगे और राज्य को बचाने का काम करेंगे।
60:40 नीति से बाहरी भू-माफिया लोग का झारखंड में आगमन होगा जो जिस पहाड़, पर्वत , जल, जंगल जमीन, नदी झरना को हम भगवान के रूप मानकर जितना जरूरत हो उतना ही जंगल से लकड़ी, नदी से बालू लेते हैं लेकिन बाहरी भू-माफिया लोग उक्त चीजों को खनन और आय का जरिया बनाया है।
क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
- झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
- बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है। बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
- नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए
युवाओ ने इस भर की अन्दोल को 3 चरणों में बाटा है-
प्रथम चरण- 15 दिवसीय समर्थन प्राप्त पत्र अभियान
10 मई से 25 मई यह चरण चलेगा। जिसमें 81 विधायक और 14 सांसद को स्थानीय लोगों के सहयोग से अपना मांग पत्र पर समर्थन प्राप्त करने का अभियान चलाया जायेगा। समर्थन देने वाले विधायक,सांसदों को संपूर्ण झारखंडी आदिवासी-मूलवासी तरफ से आभार प्रकट किया जायेगा। समर्थन नहीं देने वाले विधायक-सांसदों को सामाजिक कार्य में बहिष्कार किया जायेगा। किसी भी शादी-विवाह, भोज और पूजा-पाठ में नहीं बुलाया जायेगा।
दूसरा चरण- 10 दिवसीय झारखण्ड मूलवासियों में हुंकार भरना
इसके माध्यम से सभी प्रखंडों में बैठक कर प्राचीन पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, महा जनजागरण अभियान के तहत समस्त झारखंड के हाठ – बाजार, चौक चौराहा में नगाड़ा और सखुवा पत्ता घुमाकर राज्य के सभी सवा तीन करोड़ लोगों के दिल दिमाग में बैठाया जायेगा कि 60:40 नाय चलतो, हकमार नीति नाय चलतो।
तीसरा चरण- 9 से 11 जून तक संपूर्ण झारखंड बंद
तीसरे चरण में तीन दिवसीय 72 घंटे का महा आंदोलन होगा। 10 और 11 जून को दो दिन पूरे 48 घंटा संपूर्ण झारखंड बंद रखा जायेगा तथा बंदी को सफल बनाने के लिए 9 जून को शाम 4 बजे सभी प्रखंड और जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक चौराहा में विशाल मशाल जुलूस निकाला जायेगा।