L19 DESK : राज्य सरकार पर्यटन के विकास के लिए होम स्टेट नियमावली बना रही है। इसके तहत पर्यटकों को राज्य के विभन्न जगहों पर स्थानीय घरों में ठहरने और खाने पीने की सारी सुविधा को उपलब्ध कराएगी। जिससे की पर्यटकों को प्रकृति की खूबसूरती के साथ झारखंड की स्थानीय संस्कृति, व्यंजन और परंपरा से भी अवगत कराया जाएगा। होम स्टे से पर्यटन स्थलों के आसपास ऐसे लोगों को जोड़ा जायेगा, जो पर्यटकों को ठहरने और खान-पान की सुविधा उपलब्ध करा सकें। इसके बदले में स्थानीय लोगों को पर्यटकों से किराये के रूप में एक निश्चित धनराशि भी दिया जाएगा।
बता दे की होम स्टे योजना देश के कई राज्यों में सफल रही है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा समेत कई राज्यों में होम स्टे योजना का सफल संचाल हो रहा है। योजना के तहत इन राज्यों के सुदूर प्रदेशों में रहने वाले स्थानीय लोगों की न केवल आमदनी बढ़ी है, बल्कि सरकारों द्वारा दिया गया प्रशिक्षण जीवन स्तर उठाने में मददगार साबित होगा।
होम स्टे नियमावली स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहयोग देने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। होम स्टे योजना में पंजीकृत लोग पर्यटकों की मेहमानवाजी के साथ पर्यटन स्थलों पर घुमाने में गाइड की भूमिका भी निभा सकेंगे। इसके लिए उनको प्रशिक्षित किया जायेगा। गाइड का काम कर वे पर्यटकों से अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे। होम स्टे से मकान स्वामी के साथ केयर टेकर, बावर्ची, सफाइकर्मी और सिक्योरिटी के क्षेत्र में भी लोगों को रोजगार सुलभ हो सकेगा।
पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की जा रही नियमावली में मुताबिक होम स्टे के तहत अलग-अलग पर्यटन क्षेत्रों में इच्छुक स्थानीय लोगों से आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे। आवेदन करनेवालों के व्यवहार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता की पड़ताल के बाद उनको होम स्टे के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत किया जायेगा। पंजीकृत लोगों के घरों को देसी और विदेशी पर्यटकों के आवासन के लिए तैयार किया जायेगा। इसके लिए चयनित जमीन मालिकों को रियायती दर पर लोन भी उपलब्ध कराया जायेगा. विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया जायेगा।