L19/DESK : झारखंड प्रदेश कांग्रेस में बोर्ड-निगम के गठन को लेकर खींचतान अभी भी लगातार जारी है। प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने खुद को समर्पित कांग्रेसी बताते हुए राज्य में होने जा रहे बोर्ड-निगम के गठन में समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के समक्ष अपनी बात रखी। झारखंड से 17 कांग्रेसियों का जत्था दिल्ली पहुंचा था। इस दल ने पहले राष्ट्रीय महासचिव व सांगठनिक मामलों के प्रभारी केसी वेणुगोपाल से मिलने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस नेताओं के इस दल ने प्रदेश प्रभारी से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखी।
इन लोगों ने साफ-साफ कहा कि बोर्ड-निगम के लिए अर्हता तय होना चाहिए, ताकि समर्पित कांग्रेसियों को जगह मिले, दल-बदल कर कांग्रेस में आए लोगों को उनके ऊपर न रखा जाए। कांग्रेस नेताओं के इस दल ने अविनाश पांडे के समक्ष यह मांग रखी कि पार्टी की ओर से बोर्ड-निगम की जिम्मेदारी के लिए वैसे लोगो के नाम आगे आने चाहिए, जो कम से कम 15 साल से कांग्रेस में सक्रिय हैं।
प्रदेश कांग्रेस द्वारा बोर्ड-निगम में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नामों की जो सूची मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा गई है। उससे कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। इस अनुशंसा में 4 या 5 वर्ष पहले आरजेडी, आरएसएस, बीजेपी, जेवीएम और अन्य दलों से कांग्रेस में आए नेताओं के नाम शामिल हैं। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा नाम एक ही जिले से हैं।
इसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधत्व होना चाहिए और झारखंड के सभी पांच प्रमंडलों का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए, क्योंकि सिर्फ रांची में ही कांग्रेस नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में है। कहा कि महज कुछ साल पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं को बोर्ड निगम में जगह दिया जाना समर्पित कांग्रेस नेताओं का अपमान है। प्रदेश प्रभारी से मिलने गए नेताओं का दावा है कि अविनाश पांडे ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है।