L19 DESK : झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 सदन से पास हो गया। झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक, 2023 में कुछ मामूली संशोधन के साथ ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। पहली बार कदाचार करने पर 3 साल की जगह 1 साल की सजा और दूसरी बार कदाचार करते पकड़े जाने पर 7 साल की जगह 3 साल की सजा होगी।
मॉनसून सत्र के पांचवे दिन सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। भोजनावकाश के बाद आलमगीर आलम ने झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 सदन में पेश किया। जिस पर भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहा। अगर धारा 12 धारा 15 देखें तो परीक्षा में नकल करते कोई छात्रा पकड़ा गया तो उसकी सजा होगी। यह जो सजा है, वह बहुत ही कठोर है, उसको कम करें. सात साल की जगह तीन साल की सजा की जाए। छात्रों के प्रति इतना कठोर नहीं होना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने भाषण देना शुरू किया।
सीएम हेमंत सोरेन ने विधेयक को लेकर कहा कि कुछ लोग इसे काला कानून कह रहे हैं। अगर अपनी आंखों से आप काला चश्मा उतार लेंगे तो सबकुछ सफेद दिखेगा। इसके बाद सदन में मौजूद लोगों ने कानून को लेकर सदन में हंगामा करने लगे। काला कानून बंद करो का नारा लगाया। उसके बाद तुरंत भाजपा विधायक वेल में आ गये। मुख्यमंत्री ने जैसे ही यह बात कही कि केंद्र कई तरह का बिल और अधिनियम लाती है, अभी हाल ही में वन अधिकार कानून को पास किया है। सीएम के इतना कहते ही हंगामा शुरू हो गया. भाजपा विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। जिससे गुस्साए सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसके बाद सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया।