L19/Jamshedpur: जमशेदपुर में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के आधिकारिक संगठन ओळचिकि हूल बैसी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को 12 घंटे का संपूर्ण झारखंड बंद बुलाया था। मंगलवार को हूल बैसी कार्यकर्ता बंद कराने के लिए सड़कों पर उतरे। उन लोगों ने नेशनल और स्टेट हाइवे को जगह-जगह जाम कर दिया जिसकी वजह से घंटो वाहनों की लंबी कतार लगी रही। जमशेदपुर में इसका सर्वाधिक असर देखने को मिला। बंद समर्थकों ने सबसे पहले सुंदरनगर में टाटा चाइबासा रोड को बंद कर दिया फिर इसी बीच सड़क पर टायर जला दिये और बांस से सड़क की बैरिकेडिंग कर आवागमन पर रोक लगा दी।
NH-33 में आवागमन पूर्ण रूप से बाधित रहा
दूसरी ओर NH-33 रोड में भी टायर जलाकर आवागमन को बाधित कर दिया गया। इस वजह से राँची बहरागोड़ा रोड का परिचालन ठप्प रहा। इस दौरान करणडीह परसूडीह, सुंदरनगर में सभी दुकानें भी बंद रहीं।
सरकार ओलचिकी लिपि से पठन-पाठन सामग्री तैयार कर प्राथमिक स्तर से पढाई जल्द शुरू करें
ओलचिकी हूल बैसी के महासचिव दुर्गा चरण मुर्मू ने कहा कि बंद पूरी तरह सफल रहा। लगभग सारे लोग बंद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद आदिवासी समाज ने अपने संवैधानिक हक अधिकार के लिए पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के बैनर तले आंदोलन का बिगुल फूंका है, जब तक सरकार हमारे संवैधानिक मांगों पर उचित विचार करते हुए मांगों को पूरा करने के लिए इस दिशा में काम नहीं करती है तबतक आंदोलन जारी रहेगा। भविष्य में समाज के द्वारा और भी उग्र आंदोलन के लिए रणनीति तय की जाएगी। इसीलिए सरकार से निवेदन है, कि हमारी मांग को संथाली भाषा के ओलचिकी लिपि से पठन-पाठन सामग्री तैयार करे और प्राथमिक स्तर से पढाई जल्द चालू करें। इसके साथ ही ओलचिकी लिपि पढ़ाने के लिए शिक्षकों की बहाली हो, संथाली भाषा, संस्कृति, ओलचिकी लिपि का प्रचार-प्रसार संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संथाली एकेडमी का गठन हो और संथाली भाषा को झारखंड में प्रथम राज्य भाषा का दर्जा दिया जाए।