L19 Desk : झारखंड में मानव तस्करी का मामला अब दिन-ब-दिन और भी अधिक बढ़ता ही जा रहा है. बता दें यह एक ऐसा गंभीर और अवैध प्रक्रिया है जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है, जिसमें अक्सर ऐसे मामलों पर स्थानीय लोगों का ही हाथ होता है.ऐसे लोग पहले तो आपके करीबी बनने का नाटक कर,घर पर आना-जाना करते हैं और आपके बच्चों से दोस्ती करते हैं,वहीं मौका पाकर आपकी गैर-मौजूदगी में बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर दुसरे शहरों में बेच देते हैं.
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसा ही एक गंभीर मामला जमशेदपुर स्थित परसुडीह थाना क्षेत्र से सामने आ रहा हैं, जहाँ एक नाबालिग बच्ची को बेचने के मामले में आरोपी निशा तिऊ को परसुडीह पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब क्या है पूरा मामला आइये इस खबर के माध्यम से जानते हैं।
क्या है मामला ?
दरअसल,मानव तस्करी का यह मामला तब सामने आया, जब जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के लोको कॉलोनी निवासी अजित करवा और रीता करवा की 15 वर्षीय बेटी 3 फरवरी सोमबार को सरस्वती पूजा के दिन अचानक लापता हो गई. परिजनों और आस-पास के लोगों के द्वारा काफी खोजबीन के बाद भी जब लापता बच्ची नहीं मिली. तो परिजनों का शक पड़ोस के रेंट में रहने वाली युवती निशा तिऊ पर गया, क्योंकि वह महिला भी सुबह से घर पर नहीं थी और वह कुछ काम से उसी दिन रांची गई हुई थी।
दरअसल, शक का कारण यह भी था, क्योंकि वह अक्सर लापता बच्ची के घर आना-जाना भी करती थी. वहीं, शाम में जब निशा तिऊ रांची से वापस घर लोको कॉलोनी पहुंची, तो बच्ची के माँ–बाप ने निशा तिऊ से पूछताछ किया, जिसपर उसने इस बात से इंकार कर दिया। उसने बताया कि वह अकेले ही रांची गई थी कुछ काम से,काम पूरा हो गया इसलिए वापस लौट गई।
आरोपी ने स्वीकार किया अपना गुनाह
लेकिन परिजनों को उसके कहे गये बातों पर यकीन नहीं हो रहा था इसलिए पारिजनों और आस-पास के लोगों ने विचार-विमर्श कर निशा को परसुडीह पुलिस के हवाले कर दिया। जहाँ पुलिस के द्वारा सख्ती से पूछताछ किये जाने पर निशा तिऊ ने स्वीकार किया है कि वह लड़कियों को बेचने के मामले से जुड़ी हुई हैं और वह मानव तस्करी का काम कई दिनों से करती आ रही हैं। जिसमें वह अपने साथ नाबालिग लड़कियों को ले जाकर रांची पहुंचाती है। इसके बदले में उसे 10 से 15 हजार मिलने के साथ –साथ रांची आने-जाने का किराया भी दिया जाता है.
पुलिस की पूछताछ में ये तथ्य सामने आये
पुलिस की पूछताछ में उसने यह भी बताया की लोको कॉलोनी से लापता हुई नाबालिग लड़की को उसने ही गायब करवाया है,उसने नाबालिग को मानगो बस स्टैंड से रांची ले जाकर,रांची की रहने वाली अंजलि कच्छप के पास सौंप दिया, इसके एवज में उसे 10 से 15 हजार रुपये मिलने वाले हैं. बता दें इस काम के लिए आरोपी निशा तिऊ को रांची की अंजली कच्छप ही जमशेदपुर से रांची आने-जाने का बस किराया देती थी.
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में आरोपी निशा दिल्ली में काम करती थी और इसी दौरान उसकी मुलाकात रांची निवासी अंजलि कच्छप से हुई.अंजली से जान-पहचान होने के बाद वह भी उसके साथ मानव-तस्करी के इस काम में जुड़ गयी. वहीँ पुलिस के सामने अपना जुर्म को काबुल करने के बाद परसुडीह थाना पुलिस ने बीते कल 8 फरवरी शनिवार को आरोपी निशा तिऊ को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. निशा तिऊ डुमरिया की रहने वाली है और वह शादीशुदा महिला है.अब पुलिस रांची की अंजलि कच्छप की तलाश में जुट गयी है.
वहीं, सूचना मिली है कि दिल्ली ले जा रही अंजलि कच्छप बच्ची को धनबाद रेल पुलिस के हवाले कर, पुलिस को चकमा देकर दिल्ली भाग गयी.बरामद लापता बच्ची को सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद परिजनों को सही सलामत सौंप दिया जायेगा.फिलहाल लापता बच्ची को बोकारो सीडब्लूसी में रखा गया है.वहीँ,इस मामले में बच्ची की मां रीता करवा ने परसुडीह थाना में आरोपी निशा तियु और अंजलि कच्छप के खिलाफ मानव तस्करी और अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी है.जिसपर परसुडीह पुलिस भी सक्रियता से कार्य करते हुए मानव तस्करी की दूसरी आरोपी रांची निवासी अंजलि कच्छप की खोजबीन कर रहे हैं.
आपको बता दें यह पहला मामला नहीं जो सामने आया है झारखंड में मानव तस्करी से जुड़े बहुत से मामले हैं, जिस पर आरोपी खासकर स्थानीय लोग यानि आस- पड़ोस के रूप में होते हैं.ऐसे लोग जाएदातर उन परिवार के सदस्यों या उन बच्चियों को टारगेट करते जो अपने घर में अकेले रहती हैं,जिनके माँ- बाप बाहर काम पर व्यस्त रहते हैं,ये लोग उन बच्चियों से दोस्ती करते हैं और मौका देख कर अच्छी जगह काम पर लगाने की बात कहकर बहला-फुसलाकर दूसरे शहरों मे ले जाकर इन बच्चियों को बेच देते हैं.ऐसे लोगों को चिन्हित कर सावधान रहने की शक्त जरुरत है,ताकि बच्चियां ऐसे लोगों के शिकार होने से बचें.