L19 DESK : ISIS आतंकी संघटन से जुड़े तीन आतंकियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धर दबोचा है। इनमे एक शाहनवाज़ आलं उर्फ प्रिंस हजारीबाग का रहन वाला है। जबकि अरशद वारसी गढ़वा और रिजवान अशरफ लखनऊ का निवासी है। तीनों पेशे से इंजीनियर है। NIA की मोस्ट वांटेट लिस्ट में शानवाज़ का नाम था। उसपर तीन लाख रूपए का इनाम रखा गया था।
शाहनवाज़ का पासपोर्ट 2016 में रांची से बना था। पुलिस के अनुसार शानवाज़ के ठिकाने से पिस्तोल, आईईडी बनाने का समान केमिकल, जेहादी बनाने से जुड़ी पाकिस्तान से आई प्रिंटेड समाग्री भी शामिल है। शाहनवाज़ को पाकिस्तानी आका से आदेश मिल रहे थे ओर उसी के मुताबिक अगला कदम उठा रहा था । शाहनवाज मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग जिले के पेलावल का रहने वाला है। उसने गुजरात की रहने वाली बसंती पटेल नाम की एक महिला से शादी की थी। शादी के बाद उसने अपनी पत्नी का धर्म परिवर्तन करवाया और फिर उसका नाम मरियम हो गया था।
शाहनवाज और उसके साथी आतंकियों की साजिश नॉर्थ इंडिया को दहलाने की थी। इतना ही नहीं इन आतंकियों ने पुणे के जंगलों में बम ब्लास्ट की प्रैक्टिस भी की थी। इससे पहले 18 जुलाई को लोहरदगा में आईबी, एनआईए और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर आईएसआईएस के आतंकी फैजान को गिरफ्तार किया था। शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा पेशे से एक इंजीनियर हैं। उसने विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
माइनिंग इंजीनियर होने के चलते उसे बम ब्लास्ट का ज्ञान है। उसने बम बनाने के कई प्रयोग भी किए। 2020 में लूटकांड के एक मामले में वह हजारीबाग से जेल गया था। जेल से छूटने के बाद वह पुणे चला गया था। पुणे में मीठानगर कोंधवा के चेतना गार्डेन में रहता था। यहां वाहन चोरी करते उसके साथी इमरान व युसूफ पकड़े गए थे, लेकिन वह भाग निकला था।
वह पुणे पुलिस की हिरासत से भाग गया था और फिर दिल्ली आकर रहने लगा था। बाद में जब पुणे पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि वह वाहन चोर नहीं, बल्कि बड़ा आतंकी है। इमरान व युसूफ पर पांच-पांच लाख का इनाम था। उनकी चितौड़गढ़ ब्लास्ट में जांच एजेंसी को तलाश थी। पुणे के जंगल में बम ब्लास्ट का ट्रायल करने में उसका नाम जुड़ा और फिर एनआइए उसकी तलाश में जुटी थी। पुलिस ने शाहनवाज और उसके साथियों के पास से आपत्तिजनक सामान बरामद किये हैं।