L19/Deoghar : जिले के सारमा प्रखंड के बसवरिया गांव की 25 साल की पूनम के हाथों से मेहंदी के रंग अभी उतरे भी नहीं थे कि दहेज लोभी ससुराल वालों ने उसे मौत के घाट उतार दिए। मौत से ठीक 36 दिन पहले उसकी शादी हुई थी। पिता ने क्षमता से अधिक दामाद और उसके परिवार वालों को दहेज दिया। लेकिन दामाद को कार चाहिए थी। शादी के 10वें दिन से ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और अंतत: उसे मार दिया गया। ऐसा आरोप पूनम के पिता मदनलाल मिश्रा ने पुलिस को लिखित रूप से दिए फर्द बयान में लगाया है। पुलिस अब पूरी पड़ताल में जुट गयी है। देवघर जिले के सारमा प्रखंड के बसवरिया गांव की 25 साल की पूनम की शादी 1 जून 2023 को देवघर जिले के हरिहर बाड़ी निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर राम नारायण पांडे के बेटे रंगनाथ पांडे उर्फ ललन पांडे से हुई थी। पूनम के पिता का नाम मदनलाल मिश्रा है।
पुलिस को दिए बयान में उन्होंने बताया कि शादी के वक्त उन्होंने क्षमता से बढ़ कर नकद पांच लाख और गृहस्थी का सामान समेत तकरीबन 10 लाख रुपये दामाद रंगनाथ पांडे को दिया। शादी के 10वें दिन से ही ससुराल वालों ने पूनम को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। दामाद रंगनाथ पांडे ने बेटी को अपने मायके फोन कर कार देने को कहने को कहा। बेटी ने मायके फोन किया। पिता मदनलाल मिश्रा ने बताया कि तब मैंने बेटी को कहा कि दामाद से कहो कि वो गाड़ी ले लें। एक साल बाद मैं पांच लाख रुपए दे दूंगा। इस घटना के बाद 12 जुलाई को लड़के की मां ने फोन कर बताया कि पूनम बेहोश हो गयी है। हमलोग उसे अस्पताल लेकर जा रहे हैं। खबर सुनते ही हमलोग आनन-फानन सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां बदामदे में स्टेचर पर पूनम की लाश मिली।
अपने लिखित फर्द बयान में पिता मदनलाल मिश्रा ने पुलिस को बताया कि बेटी ने घटना घटने के 10 दिन पहले फोन पर बताया था कि ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं। उसने बताया कि बड़ी गोतनी स्नेहा पांडेय, पति और उसके पिता बोलते हैं कि बड़े घर में शादी हुई है। क्या दिया है तेरे घर से। पिता ने बताया कि उसके दामाद और बेटी अपने बड़े भाई के यहां शिउडी बंगाल गए थे। वहां से आने के बाद पूनम ने मुझे भी फोन किया। अपनी बड़ी भाभी को भी फोन कर बताया कि सबकुछ ठीक है। हमलोग अच्छे से आ गए हैं। इसके बाद अचानक से इस तरह की घटना की जानकारी मिली।
पूनम के पति रंगनाथ ऊर्फ ललन पांडेय ने कहा कि दोनों के बीच अच्छा संबंध था। उसने बताया कि पूनम को लेकर शिउडी अपने भाई के यहां गए। उसके बाद 11 जुलाई दोपहर एक बजे वह देवघर पहुंचे। उसके बाद सोने के लिए चले गए। पूनम नीचे कमरे में थी। उसने ऐसा क्यों किया यह समझ नहीं आ रहा। वहीं ससूर राम नारायण पांडे ने कहा हमें कुछ पता नहीं है। हम मंदिर में थे। जब यह सुने तो हम मंदिर से अपने घर पहुंचे। घर आकर मामले की जानकारी मिली।