L19 DESK : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश बालू उठाव को लेकर देश भर में लागू हो गया है। यानी अब अक्तूबर माह तक बालू की किल्लत राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में रहेगी। पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। रांची में सिल्ली, तमाड़, बुंडू, खूंटी से निर्बाध रूप से बालू पहुंच रहा है। खूंटी के छाता नदी से रोजाना सैकड़ों हाईवा के जरिये बालू रांची तक पहुंच रहा है। यह सब एक सुनियोजित तरीके से हो रहा है। रातों-रात बालू तस्कर पुलिस के संरक्ष में तस्करी के जरिये बालू राजधानी तक पहुंचा रहे हैं।
खूंटी के छाता नदी से रोज 100 हाइवा बालू रांची लाया जा रहा है। बाजार में 32 हजार प्रति हाइवा बालू की रेट ली जा रही है। बालू माफिया कर्रा के रास्ते हाइवा तुपुदाना भेज रहे हैं। व्यवधान न हो, इसलिए तस्करों ने पुलिस के साथ हाथ मिला लिया है। बालू तस्कर इसके लिए खूंटी, कर्रा और तुपुदाना थाने को महीने का मोटा चढ़ावा भी देते हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी स्थानीय पुलिस को बालू तस्करी की कोई जानकारी नहीं है।
रोजाना 30 लाख से अधिक का हो रहा है अवैध बालू कारोबार
एक अनुमान के अनुसार 30 लाख रुपये से अधिक का बालू प्रति दिन खूंटी के छाता नदी से हजाम होते हुए तुपुदाना तक पहुंच रहा है और यहां डंप किया जा रहा है। सूखी छाता नदी से प्रति दिन रात में बालू माफिया ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू का उठाव कर उसे एक निश्चित जगह पर पहुंचाते हैं। ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई कर, उसे नदी के निकट डंप किया जाता है। डंप किये गये बालू को पोकलेन से हाइवा में लोड कर रांची भेजा जाता है। प्रति दिन रात के 10 बजते ही बालू लदे हाइवा कर्रा होते हुए तुपुदाना के लिए रवाना हो जाते हैं। हाइवा चालक खूंटी से रांची आने वाला सुनसान रास्ते से बालू लाते हैं, क्योंकि रात 9 बजे के बाद कोई गाड़ी नहीं चलती है और न ही कोई पुलिस की गश्ती गाड़ी रहती है। बिना रोक-टोक के वे लोग खूंटी से हर दिन लाखों रुपए का बालू रांची में पहुंचा रहे हैं। वैसे भी तीनों थाने सेट रहते हैं तो पुलिस से कोई खतरा नहीं रहता है।