L19 DESK : 15 जनवरी, 2025 को चाला अखड़ा खोड़हा, अनगड़ा (रांची, झारखंड) द्वारा हुंडरू जतरा का भव्य आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और सामुदायिक भावना का प्रतीक है. आयोजन स्थल हुंडरू जलप्रपात की प्राकृतिक छटा और उत्सव के रंगीन आयोजन ने इस दिन को यादगार बना दिया. आयोजन समिति के अध्यक्ष जीतराम बेदिया ने सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों को धन्यवाद दिया और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए सामुदायिक सहयोग की अपील की.
वहीं, उपाध्याय अमित बेदिया और कोषाध्यक्ष मनीष बेदिया और उनकी टीम के सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर विधि व्यवस्था को बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई. इस मौके पर रांची से पहुंचे मनोज कुजूर तथा हरेकृष्ण कोइरी की गरिमापूर्ण उपस्थित ने पूरे टीम और सदस्यों का मनोबल बढ़ाया और पूरी टीम को तकनीकी सहायता प्रदान किया. टुसू हमारी पंरपरा व संस्कृति का अभिन्न अंग है. टुसू हमारी सामाजिक मेलजोल को बढ़ाती है. मेला में सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल की नियुक्ति की गई थी. सिकिदिरी थाना प्रभारी दीपक सिन्हा खुद सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
तुसु पर्व का प्रदर्शन: आस-पास के गांवों के लोगों ने अपने सुसज्जित और रंग-बिरंगे तुसु के साथ उत्सव में भाग लिया.
सांस्कृतिक दल की भागीदारी: 25 से अधिक सांस्कृतिक दलों ने अपने लोकगीत, नृत्य और पारंपरिक कला का प्रदर्शन किया.
समुदाय की भागीदारी: ग्रामीण समुदाय के सदस्यों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर आयोजन को सफल बनाया.
इस आयोजन के माध्यम से स्थानीय समुदाय ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का अनूठा प्रयास किया. यह न केवल मनोरंजन और मेलजोल का अवसर था, बल्कि अगली पीढ़ी को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम भी है.
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख सांस्कृतिक दलों में शामिल थे
संदीप भोगता, सारूबेड़ा, शत्रुघन बेदिया, कुसुम टोली, रोपना बेदिया, मैनीछापर, जयदेव बेदिया, मड़ईटोली, अमित बेदिया, हुण्डरू, मदन बेदिया, हुण्डरू जारा, रामचरण बेदिया, खभावन, चमरा बेदिया, हेसापोड़ा, संतोष भोगता, बुटगोड़ा, लखीराम बेदिया, सिंदरी तोपा, हरिचरण बेदिया- खभावन, गायत्री देवी, गगारी.
इस हुंडरू जतरा जैसे पारंपरिक मेले झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने और सामूहिक पहचान को प्रोत्साहन देने के अद्भुत माध्यम हैं.