L19/Desk: झारखंड राज्य में मानसून के पहली बारिश में वज्रपात ने ली 14 लोगों की जान,36 लोग अब भी घायल हैं और यह आकड़ा काफी दर्दनाक है। वज्रपात से बचने के लिए इन बातों का रखे ख्याल:
· सबसे पहले जाने,वज्रपात है क्या? वज्रपात एक प्रकृतिक घटना है,जो अक्सर बारिश के दिनों में देखने को ज्यादा मिलती है। वज्रपात होने के कारण धरती पर बिजली बहुत ही तीव्र गति से गिरती है और चमक के साथ ध्वनि भी उत्तपन करती है। इसकी ध्वनि और बिजली दोनों ही जानलेवा है, थोड़ी सी लापरवाही कईयों की जान ले सकती है, चाहे वह जंगल के पशु -पक्षी हो या पेड़ पौधे हो या कोई इंसान।
वज्रपात से बचने के लिए इन बातों का करे पालन:
· अगर आप घर से बहार हो तब :– जितनी जल्दी हो जल स्रोतों से दूरी बना ले जैसे :तालाब, डेम, समुंद्ररी तटों,गीले खेत। फिर खुले सूखे जगह पर चले जाए पर ध्यान रहे लोहे या धातु से जुड़े वस्तुवों को साथ न रखे।
· अगर आप पशु चराने गए हो गर्जन के साथ तेज बारिश हो रही हो तो पशुओ को खुला न छोड़े बल्कि किसी घने छोटे कद के पेड़ के नीचे बचने के लिए रखे, साथ ही यह भी देखे कि नजदीक में ज्यादा लंबे पेड़ और सूखे पेड़ न हो क्यूंकि एसे पेड़ों पर बिजली जल्दी आग पकड़ लेती है।
· अगर आपके आस-पास बचने का कोई साधन ना हो और गर्जन ज्यादा हो रही हो तो घुटने से अपने सिर को छुपा शरीर को छोटा कर मोड़ ले।
· अगर आप किसी लोहे के दो पहिया वाहन पर हो तो तुरंत ही उस वाहन से उतर सुरक्षित जगह पर जाएं।यदि कोई बड़ी गाड़ी पर हो तो खुली छत वाली गाड़ी पर भी सफर न करे।
· लोहे से बने छड़ी वाले छाते का प्रायोग न करे।
· ऊंची इमारतों और बिजली के खंबों के पास भी न रहें।
अगर आप घर के अंदर हैं:
· बिजली से चलने वाली सभी उपकरणों को बंद कर दे।
· लोहे धातु से बने खिड़की दरवाजे से दूर रहें। अगर किसी को वज्रपात का झटका लग जाता हो तो, घबराय नहीं, सबसे पहले किसी नजदीकी अस्पताल पर ले जाए। अगर अस्पताल दूर हो तो अपने क्षेत्र के नजदीकी स्वास्थ विभाग के टोलफ्री नंबर पर सपर्क करें।