
L19 DESK : झारखंड में हर पंचायत के मुखिया को गाँव के विकास के लिए निम्न कदम उठाना पड़ेगा। मुखिया को गाँव के विकास के लिए योजनाबद्ध रूप से काम करना चाहिए। उन्हें गाँव की आवश्यकताओं का पूरा आंकलन करके विभिन्न क्षेत्रों में योजनाएं बनानी चाहिए, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सुविधाएं, जल संसाधन, बिजली, और कृषि विकास। उन्हें सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करना और संबंधित संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। मुखिया को सामाजिक विकास के कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए जो गाँव की समृद्धि और सामाजिक समानता को प्रमोट करें।
उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर, बाल विकास कार्यक्रम, रोजगार सृजन योजनाएं, कौशल विकास कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम आदि का आयोजन करना चाहिए। मुखिया को कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्हें किसानों को नवीनतम खेती तकनीकों का प्रशिक्षण देने, कृषि योजनाओं की जानकारी प्रदान करने, उन्नत बीज, उर्वरक, और कृषि मशीनरी की व्यवस्था करने चाहिए। वे किसानों को बाजार विपणन, सही मूल्य प्राप्ति, और अन्य विपणन सुविधाओं के लिए भी सहायता कर सकते हैं।
मुखिया को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए कौशल विकास प्रोग्राम, व्यवसाय के लिए ऋण योजनाएं, स्वयंरोजगार समर्थन, और उद्यमियों को संचालित करने के लिए सहायता देनी चाहिए। मुखिया को शिक्षा और साक्षरता की प्रोत्साहन के लिए कार्य करना चाहिए। उन्हें स्कूल की व्यवस्था को सुनिश्चित करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में बालवाड़ी केंद्रों, आदर्श विद्यालयों, और व्याख्यान केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए। उन्हें भी व्याख्यानकर्ताओं की प्रशिक्षण और शिक्षा-संबंधी सुविधाओं के लिए संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
मुखिया को गाँव की स्वच्छता और हाइजीन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें स्वच्छता अभियानों की शुरुआत करनी चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्वच्छता के लिए जागरूकता प्रचार कार्यक्रम, और कचरा प्रबंधन को संगठित करने के लिए उपयोगी संसाधन प्रदान करना चाहिए। इन कदमों के माध्यम से मुखिया गाँव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे सरकारी योजनाओं के साथ सहयोग कर सकते हैं, स्वयं संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, और स्थानीय सामाजिक संगठनों और संसाधनों के साथ मिलकर समृद्ध गाँव समुदाय का निर्माण कर सकते हैं।
