क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगे गये पैसे
L19/Ranchi : राजधानी रांची के धुर्वा में रहनेवाले नवीन कुमार वर्मा से 1.33 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। इस मामले की जांच अब सीआईडी की साइबर सेल कर रही है। साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी किए गए रूपये को लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह द्वारा संचालित खाते में भी भेजी गई। क्रिप्टो करेंसी बाजार में निवेश करनेवाले नवीन कुमार वर्मा से जमा राशि बढ़ाने के नाम पर उनसे ठगी कर ली गई है। इस संबंध में नवीन ने सीआईडी साइबर थाने में शिकायत दर्ज करायी है। नवीन ने साइबर क्राइम ब्रांच को बताया कि ट्रेडिंग के दौरान जब उनका फंड एक लाख 47 हजार 68 (यूएस डॉलर) था। उस समय कंपनी के चीफ एनालिस्ट मि. मार्क द्वारा उन्हें यह प्रस्ताव दिया गया कि वह पांच प्रतिशत कमीशन पर तीन दिन का कॉन्ट्रैक्ट उनके साथ करते हैं तो वह उनकी जमा राशि को काफी अधिक बढ़ा देंगे। इसके बाद नवीन ने मार्क के साथ तीन दिन का कॉन्ट्रैक्ट किया। जिसके बाद जमा राशि बढ़कर एक लाख 95 हजार 28 यूएस डॉलर हो गयी। इस समझौते के मुताबिक, नवीन ने मार्क को उसका कमीशन भी दिया, लेकिन जब वह 52 हजार यूएस डॉलर की निकासी करने गया, मगर राशि की निकासी नहीं हुई। इसके बाद उसने मार्क से संपर्क भी किया, तब उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ साइबर ठगी हुई थी। इसके बाद वह सीधे साइबर थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज कराया। ट्रेड पीसीपी कॉइन नाम की वेबसाइट के जरिए ट्रेडिंग शुरू की थी। इसमें पहले उसने यूपीआई के जरिए खाते में पैसे ट्रांसफर किए। इसके बाद यूएसडीटी (क्रिप्टो करेंसी) खरीदा। इस तरह उसने 1.33 करोड़ रुपए के 1.42391 लाख क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी की, इसके बाद उसे ए16जेड कंपनी के एनालिस्ट ने व्हाट्सएप ग्रुप पर बिटकॉइन के भाव घटाने या बढ़ाने को लेकर ऑफर दिया। उसने बताया कि कंपनी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए निवेशकों को राशि बढ़ाने के माध्यम से सुझाव देती थी। वहीं कंपनी ने निवेशकों को वित्तीय हानि पर 50 प्रतिशत नुकसान की भरपायी करने का आश्वासन भी देती थी। हिजबुल्लाह, ईरान समर्थित लेबनान का आतंकी संगठन है। हिजबुल्लाह को साल 2019 में ब्रिटेन की सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया था। हाल के समय में अमेरिका और ब्रिटेन ने हिजबुल्लाह की फंडिंग रोकने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है।