L19/Ranchi : झारखंड में 26 हजार सहायक आचार्यों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को मामले पर जबाव देने को कहा गया है। नियुक्ति प्रक्रिया में बीआरपी-सीआरपी को 50 फीसदी आरक्षण नहीं दिए जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार, झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल एवं झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी ने पैरवी की।
सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन लिये जा रहे थे। नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने एक नयी नियमावली बनायी है। इसे सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 कहते हैं। इस संशोधित नियमावली में अब केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है। इस दायरे में वो कर्मचारी नहीं आते हैं जो संविदा पर शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं। दायर याचिका के मुताबिक जब सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 लागू हुई तब केवल पारा शिक्षकों को आरक्षण न देकर इस दायरे में वैसे सभी कर्मचारी आते थे जो शिक्षा विभाग में संविदा पर काम कर रहे थे।
इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट का रूख किया गया है। झारखंड के 26,001 सहायक आचार्य पद के लिए अभ्यर्थी 15 सितंबर की मध्य रात्रि तक आवेदन दे सकते थे। जेएसएससी के नोटिफिकेशन के अनुसार 17 सितंबर की मध्य रात्रि तक इसके परीक्षा शुल्क जमा होते। 19 सितंबर की मध्य रात्रि तक फोटो व हस्ताक्षर अपलोड किए जाने को कहा गया है। ऑनलाइन आवेदन पत्र में संशोधन की प्रक्रिया 21 सितंबर से 23 सितंबर की मध्य रात्रि तक होगी। अब रोक लगा देने के बाद से कोर्ट के आदेश का इंतजार करना होगा।