L19 Desk : झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है। हाल के समय में शुरू हुई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वकांक्षी स्कीम मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की राशि आर्थिक सहायता के तौर पर दी जा रही है। आर्थिक तौर पर सम्मान देने के बाद सरकार अब सामाजिक रूप से भी महिलाओं को उचित सम्मान देने जा रही है। दरअसल, हेमंत सोरेन सरकार अब आधी आबादी के लिये एक और महत्वपूर्ण योजना की शुरुआथ करने जा रही है।
क्या है योजना ?
हेमंत सोरेन महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और दर्जा देने के उद्देश्य से ‘विधवा पुनर्विवाह योजना’ की शुरुआत करने जा रही है। राज्य सरकार ने ‘विधवा पुनर्विवाह योजना’ के तहत ऐसी महिलाओं को दो लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने की योजना बनाई गई है। पिछले वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का लाभ लेने के लिए कांके प्रखंड की एक महिला ने आवेदन दिया है। आवेदन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने योजना का लाभ देने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं शुरू कर दी है।
कई बार जीवन साथी के बिछड़ने के बाद कम उम्र में भी महिलाओं को काफी समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में झारखंड सरकार की इस योजना से समाज को प्रेरणा मिलेगी। इसके अलावा बहुत ही कम उम्र में विधवा होने वाली महिलाओं को समाज में स्थान और सम्मान मिलेगा।
क्यों लायी जा रही है विधवा पुनर्विवाह योजना ?
भारतीय समाज में महिलाएं अगर शादी के बाद अपने जीवनसाथी को किसी कारणवश खो देती हैं, उसके बाद उनका समाज में जीना दुश्वार हो जाता है। उनके सामने पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक सभी तरह की मुश्किलें खड़ हो जाती हैं। जीवनयापन के लिये कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विधवा महिलाओं के लिये आज भी भारतीय समाज एक अभिषाप की ही तरह है। सबसे बड़ी समस्या कम उम्र की महिलाओं को होती है, जिनके सामने लंबे समय तक जिन्दगी में संघर्ष की चुनौतियां होती है।
इन सब वजहों से कई समाज सुधारक विधवा पुनर्विवाह के हिमायती रहे हैं। यही कारण है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सहायता पहुंचाने के बाद अब हेमंत सोरेन सरकार सामाजिक रूप से सशक्त करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। विधवा पुनर्विवाह के ज़रिये महिलाओं को समाज में उचित दर्जा और सम्मान दिलाया जा सकता है।
योजना का लाभ उठाने के लिये क्या हैं शर्तें ?
झारखंड में ‘विधवा पुनर्विवाह योजना’ का लाभ उठाने के लिए सबसे पहली शर्त है कि झारखंड का निवासी होना चाहिए। लाभार्थी की आयु विवाह योग्य होनी चाहिए। लाभुक महिला को अपने पति की मौत के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना होगा। पुनर्विवाह के संदर्भ में विवाह निबंधन प्रमाण पत्र भी देना होगा। जबकि योजना का लाभ लेने के लिए पुनर्विवाह की तारीख से एक साल के अंदर आवेदन करना होगा।
और सबसे जरूरी बात, इनकम टैक्स पे करने वाली, पेंशनधारी और सरकारी नौकरी वाली महिला इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती हैं।