L19 DESK : कोयले की रॉयल्टी बकाये राशि पर संसद में दिए गए केंद्र सरकार की ओर से जवाब के बाद यह मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां जेएमएम, केंद्र को चेतावनी दे रही है और झारखंड भाजपा के सांसदों से सहयोग की बात कर रही है तो वहीं, दूसरी तरफ झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन को हवा-हवाई बात नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं, बाबूलाल के हवा-हवाई वाले बयान पर हेमंत सोरेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
हम अपना हक अवश्य लेंगे : हेमंत सोरेन
बाबूलाल के पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हेमंत सोरेन ने लिखा “हम झारखंडियों की मांग हवा-हवाई नहीं है आदरणीय बाबूलाल जी. यह हमारे हक़, हमारे मेहनत का पैसा है. झारखंडी हकों का आपका यह विरोध वाक़ई दुखद है. जब आपको अपने संगठन की पूरी ताक़त लगा कर हमारे साथ खड़ा होना था-आप विरोध में खड़े हो गए. खैर, हम अपना हक़ अवश्य लेंगे, क्यूंकि यह पैसा हर एक झारखंडी का हक़ है.”
बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा था ?
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए लिखा था “झामुमो के द्वारा हवा-हवाई बातें कर केंद्र सरकार पर ₹1.36 लाख करोड़ का बकाया रखने का निराधार और भ्रामक आरोप लगाया जा रहा है. अगर झामुमो के पास इस आंकड़े को लेकर कोई ठोस प्रमाण है, तो वे पूरे दस्तावेज़ और तथ्यों के साथ जनता के सामने रखें. झामुमो को स्पष्ट करना चाहिए कि ये राशि किस मद की है? कब से लंबित है और किन परिस्थितियों में यह दावा किया जा रहा है? हेमंत सोरेन जी, झूठे आरोपों और गलत आंकड़ों के सहारे केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने की बजाय झारखंड की असल समस्याओं पर ध्यान दीजिए. बिना प्रमाण और आधारहीन आरोप लगाकर झारखंड की जनता को भ्रमित करने का यह खेल अब बंद होना चाहिए. महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए, किसानों को प्रति क्विंटल धान के 3200 रुपए और युवाओं को नौकरी देने के झूठे वादे का भंडाफोड़ हो चुका है. इसलिए केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगाकर आप अपनी विफलताओं को छिपा सकते. जनता को गुमराह करने की राजनीति से झारखंड का भला नहीं होगा. पूरे तथ्य और प्रमाण के साथ शुचिता की राजनीति करना सीखिए.