
L19/Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राष्ट्रपति के समक्ष सरना कोड के मुद्दे को बारिकियों से रखा और कहा किस प्रकार सरना कोड ना होने से वे अपने हक-अधिकार ,पहचान से वंचित रह गए हैं। उन्होनें राष्ट्रपति से सरना कोड की मांग को मंजूरी देने का आग्रह किया साथ ही मुंडारी और हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की बात कही । श्री सोरेन ने बड़े चिंतत मन के साथ आदिवासी समाज के दर्द को व्यख्या करते हुए कहा कि देश को किस प्रकार जल,जंगल और जमीन की पहचान अब कोयला ,तांबा ,अबरख,यूरेनियम से बदल गई है । हमारी खनिज संपदा से पूरा देश रोशन हो रहा है।
लेकिन आदिवासी समुदाय के लोग आज भी विस्थापन का दन्स झेल रहें हैं । वे दो वक्त के रोटी के लिए जद्दोजिहाद कर रहें हैं । विकास के नाम पर हाशिए का शिकार अब वे पलायन की ओर अग्रसर होते जा रहें है ।इस समय में पूरे झारखंड के आदिवासिओं की निगहें हमारे राष्ट्रपति पर टिकी हैं कि सर्वोच्च पद पर बैठी हमारी पहली मुख्य हमारे आदिवासी समुदाय की व्यथा का निदान करेंगी और केंद्र से सरना धर्म कोड को स्वीकृति दिलाने में मदद करेंगी ।
