
L19 DESK : सूर्य के अध्ययन के लिए (ISRO) 2 सितंबर को आदित्य एल-1 मिशन लांच करने वाला है। इस प्रोजेक्ट में देश की अन्य कंपनियों के साथ-साथ एचइसी (HEC) भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस संबंध में एचइसी के अधिकारी ने बताया कि आदित्य एल-1 पूरी तरह स्वदेशी प्रयास है। इसेक लांचिंग में उपयोग होनेवाले कई उपकरणों को एचइसी में बनाया गया। आदित्य एल-1 सूर्य की सतह से ठीक ऊपरी सतह और सूर्य के बाहरी परत का अवलोकन करेगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है। यह एक अध्ययन प्रोजेक्ट है।
बता दे कि एचइसी साल 2000 से ही इसरो के कई प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक बनाता आ रहा है। इसमें तीन मोबाइल लांचिंग पैड शामिल हैं। इसरो की रॉकेट असेंबली बिल्डिंग के लिए 400/60 और 200/30 टन का इलेक्ट्रिक ओवरहेड ट्रैवलिंग क्रेन भी एचइसी ने निर्माण किया। वहीं, फोल्डिंग कम वर्टिकल रिपोजिशनेबल प्लेटफॉर्म (एफसीवीआरपी), चक्रवात लॉक और वर्षा जल को रोकने के लिए स्लाइडिंग दरवाजे (एचएसडी), तीन में से एक मोबाइल लांचिंग पैड (लगभग 810 टन वजनी) भी एचइसी द्वारा ही बनाया गया। यह अब तक का सबसे बड़ा लांचिंग पैड है, जो 11 मॉड्यूल में निर्माण किया गया है।
इसके अलावा एचइसी ने ISRO के लिए 10 टन हैमर हेड टरवर क्रेन, 80 मीटर ऊंचा टावर क्रेन, जो बहुत तेज हवा के दबाव में भी काम करता है, 6-एक्सिस सीएनसी डबल कॉलम और 3-एक्सिस सीएनसी सिंगल कॉलम वर्टिकल टर्निंग मशीन, 2.8 मीटर व्यास की फोर्ज्ड रिंग भी बनाया गया। वर्तमान समय में गंभीर वित्तीय संकट के बावजूद एचइसी ISRO के नये प्रोजेक्ट पर काल कर रहा है। इसके निरीक्षण के लिए पिछले दिनों ISRO के अधिकारियों ने एचइसी का दौरा भी किया था।
