L19/Lohardaga : लोहरदगा में अब तक आम जनों को स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित नहीं किया जा सका है। हालत ये है कि जिले में कुल आबादी साढ़े चार लाख से भी ज्यादा है, मगर जिले में स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सकों की कुल संख्या मात्र 48 है। वहीं 43 पद अब भी खाली पडे़ हैं। यानी एक डॉक्टर 10 हजार से भी ज्यादा लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसका फायदा झोलाछाप डॉक्टरों को मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की उपस्थिति और भी बुरी है, जिसके वजह से लोग झोला छाप डॉक्टर यानि ओझा गुनी के चक्कर में पड़ जाते हैं। मरीजों का इलाज समय पर न होने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
लोहरदगा में कुल 7 प्रखंड हैं। मगर इसमें से केवल 5 प्रखंडों में ही स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन हो रहा है। वहीं अति नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के न होने का कारण डॉक्टरों का डर है। इन क्षेत्रों में डॉक्टर जाने से ही घबराते हैं। कोई भी चिकित्सक अपनी सेवा नक्सलियों के गढ़ में नहीं देना चाहता। इसके वजह से ऐसे इलाकों में पीड़ित मरीज ओझा गुनी के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे उनकी मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।