L19/Desk : शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (बीएड) में दाखिले को लेकर सरकार ने नियमों में परिवर्तन कर दिया है । आरक्षित कोटे के अभ्यर्थियों के लिए बीएड कोर्स में 50 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है । स्नातक और स्नातकोत्तर किये हुए छात्रों को यह छूट दी गयी है । यानी स्नातक में 50 फीसदी के कम अंक और पीजी में 55 फीसदी से कम मार्क्स लानेवाले भी मास्टरी का प्रशिक्षण राज्य के बीएड शिक्षण संस्थानों से ले सकेंगे ।
अब आरक्षित कोटि के 45 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी बीएड के लिए चल रही एडमिशन प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। इस संबंध में झारखंड कंबाइंड इंट्रेंस कंपीटिटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (जेसीईसीईबी) द्वारा आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, बीसी-1, बीसी-2, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य आरक्षित कोटी के अभ्यर्थियों को अंकों के मामले में छूट दी गई है ।
बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की तिथि 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। ताकि 45 प्रतिशत अंक वाले अभ्यर्थी आवेदन जमा कर सकें। बताते चलें कि पहले ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 मार्च थी।
ग्रैजूएशन के फाइनल इयर के स्टूडेंट्स बीएड इंट्रेंस एग्जाम के लिए फार्म जमा कर सकेंगे ।
अभ्यर्थी को बीएड में अब केवल एक विषय का चयन करना होगा, जिसमें अध्ययन किए हों। इधर अभ्यर्थियों ने सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। पीजी की परीक्षा में आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत का छूट दी गई है। यानि पीजी साइंस, सोशल साइंस, ह्यूमिनिटी, कॉमर्स और बीटेक में आरक्षित कोटी के अभ्यर्थियों को 55 प्रतिशत अंक की बाध्यता खत्म कर दिया गया है। अब इन विषयों में 50 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।