L19/Ranchi : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव और निलंबित नेता आलोक कुमार दूबे ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार के 4 वर्ष पूरे हो गए और प्रदेश अध्यक्ष को बताना चाहिए कि इन 4 वर्षों में पार्टी ने जन घोषणा पत्र में किए गए कितने वायदों को पूरा कराया है.
जन घोषणा पत्र 2019 में हमने राज्य की जनता से 2 लख रुपए तक किसानों की ऋण माफी का वादा किया था, 50 हजार तक ऋण माफी के कदम तो उठाए गए, लेकिन आज तक किसान 50 हजार रुपए कर्ज माफी के लिए भटक ही रहे हैं, 2 लाख कर्ज माफी की बात तो बहुत दूर है. युवाओं को रोजगार देने में भी हम स्थानीय और नियोजन नीति के बीच उलझे हुए हैं। बेरोजगारी भत्ता हमारे घोषणा पत्र का मुख्य एजेंडा था, जो दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा. शिक्षा के क्षेत्र में निजी विद्यालयों को बन्द करने की साज़िश हो रही है, ओबीसी को 27% आरक्षण की बात बेईमानी साबित हो गई है, यहां तक कि त्रिस्तरीय चुनाव में भी आरक्षण को लेकर चुनाव टाले जा चुके हैं.
आलोक कुमार दूबे ने रविवार को प्रदेश अध्यक्ष की अकर्मण्यता को लेकर पार्टी में बढ़ रहे असंतोष एवं अराजकता पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा प्रदेश अध्यक्ष अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए, अपने रिश्तेदारों एवं चहेतों को अच्छी जगह ट्रांसफर,पोस्टिंग करवाने में व्यस्त हैं, तो दूसरी ओर आरपीएन सिंह के चहेतों को बोर्ड निगम और बॉडीगार्ड दिलाने में परेशान हैं. उन्होंने कहा पहले भी हम सरकार में रहे हैं, अगर कोई कमियां रहती थीं, तो हम सरकार तक अपनी बात पूरी कठोरता से उठाया करते थे ,जो परंपरा अब लगभग समाप्त हो गई है.
जिन विधायकों का निलंबन वापस हुआ है, यकीनन यह सही कदम है, लेकिन इसके लिए दोषी कौन है, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने विधायकों के खिलाफ स्वयं थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. नेता विधायक दल ने विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर के यहां शिकायत की थी, आज यही लोग उनके निलंबन वापसी की जश्न मना रहे हैं.