L19 DESK : अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है की ये प्रमाणपत्र केवल उन व्यक्तियों को दिए जाने चाहिए जो आदिवासी समुदाय के स्थापित रीति-रिवाजों, पारंपरिक पोशाक और परंपराओं का पालन करते हैं। वह सरकार से इस मामले पर निर्णय लेने का आग्रह करते हैं। जनजाति समाज समाज के लोगों ने बड़ी उम्मीद से हेमंत सोरेन को सीएम के पद पर बैठाया, लेकिन वे अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। आज झारखंड का जनजातीय समाज की परंपरा और पहचान पर हेमंत सरकार की वजह से संकट आ गया है। रघुवर दास ने कहा की सरना कोड जनजातीय समाज को गुमराह करने के बजाए सीएम उनके एसटी सर्टिफिकेट के मामले पर फैसला लें। यह जनजातियों की सालों पुरानी मांग है। 1997 में केरल राज्य और एक अन्य बनाम चन्द्रमोहन मामले में केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का क्या-क्या आधार होना चाहिए। लेकिन झारखंड सरकार इस अहम मुद्दे पर मौन हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि अनुसूचित जनजाति समाज के हित में वे केरल हाईकोर्ट के फैसले को झारखंड में उतारने का काम करें।