L19DESK : ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और सीए मुकेश मित्तल सहित अन्य पर दिल्ली में FIR दर्ज की गई । दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा में फर्जी पैन कार्ड के सहारे कंपनी बनाने और 100 करोड़ से अधिक की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में FIR दर्ज की गई ।
ED के जांच में ये बाते सामने आयी थी कि श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स नाम की कंपनियों के सहारे गेंदा राम की खाते में 4.30 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे । वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर हुए पैसों से दिल्ली में जमीन खरीदा था ।
वही सचिन गुप्ता के नाम से बनाए गए फर्जी पैन के सहारे ही इन तीनों कंपनियों को खोला गया था । पूरे मामले की जांच के बाद ईडी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर वीरेद्र राम और सीए मुकेश मित्तल समेत अन्य पर FIR दर्ज करने का अनुरोध किया । ईडी की जांच में यह भी बातें सामने आई है कि अवैध कमाई को सफेद में तब्दील करने के लिये वीरेंद्र राम ने फर्जी नाम से कई पैन कार्ड बनवाए थे ।
पैन संख्या DGRPG506F, DGRPG1369A, DGRPG3661Q ईडी जांच में फर्जी पाए गए । इन पैन कार्ड के सहारे वीरेंद्र राम ने श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, गोविंद राम ट्रेडर्स, ओम ट्रेडर्स नाम की फर्जी कंपनियां बनाई । उसके बाद साल 2021 में 18 करोड़, साल 2022 में 43 करोड़, साल 2023 में 23 करोड़ खाते में जमा किए गए । मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम पर आधिकारिक पद का गलत तरीके से उपयोग करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहने का आऱोप है ।
2.45 करोड़ की बरामदगी में आरोपी इंजीनियर ने वीरेंद्र राम का लिया था नाम
15 नवम्बर 2019 को सरायकेला के ग्रामीण विकास विभाग के जेई सुरेश प्रसाद वर्मा के डिमना चौक स्थित आनंद विहार कॉलोनी स्थित घर से एसीबी की टीम ने 2.45 करोड़ रुपए जब्त किए थे । इसके अलावे आभूषण और निवेश से संबंधित कागजाता भी मिले थे । चार बैग में बंद 2.45 करोड़ रुपये की करीब 9 घंटे तक गिनती हुई थी । एसीबी ने ठेकेदार विकास कुमार शर्मा से 10 हजार रुपए घूस लेते पकड़ा था ।
सुरेश प्रसाद विकास कुमार शर्मा भुगतान को लेकर दस्तावेज तैयार करने के लिए सुरेश प्रसाद वर्मा ने घूस मांग था । इस मामले में ईडी ने 2020 में सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन पर केस दर्ज किया था । एसीबी ने सुरेश प्रसाद और आलोक रंजन के विरुद्ध चार्जशीट दायर की थी । जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉड्रिग का मामला दर्ज किया था ।