L19 Desk : समाज में प्यार करना क्या इतना बड़ा गुनाह है कि अपनी ही बेटी या बहन की जान लेने तक की नौबत आ जाये ? क्या किसी की अपनी पसंद से जीने की ख्वाहिश मौत की सज़ा होनी चाहिये ? इज्ज़त के नाम पर अपनों की हत्या करना कितना जायज़ है? और अगर ये सही नहीं है, तो आखिर आज भी ऐसी घटनायें क्यों हो रही हैं ? क्यों कोडरमा की बेटी को केवल अपने पसंद के एक शख्स के साथ सात जनमों के सपने देखना इतना भारी पड़ गया कि उसके पिता और भाई ने मिलकर उसका सिर कलम कर दिया ?
जी हां, आपने बिल्कुल ठीक सुना, झारखंड के कोडरमा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। एक बेटी, जिसने सिर्फ प्यार किया, और इस प्यार की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, वह अपने ही घर में अपनों के हाथों मार दी गई। चलिए, जानते हैं इस खौफनाक वारदात की पूरी कहानी जिसने समाज की सोंच पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
ऑनर किलिंग की ये घटना कोडरमा जिले के मरकच्चो थाना क्षेत्र की है, जहां जमुनिया घाट के पास बालू में दबी एक सिर कटी लाश मिलने से हड़कंप मच गया। जब पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की, तो जो सच्चाई सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया।
दरअसल, मृतका के अपने ही परिवार वालों ने उसकी हत्या कर दी थी। लड़की के पिता और दो भाइयों को यह नागवार गुज़रा कि वह दूसरी जाति के युवक के साथ अपनी ज़िंदगी के सपने देखे, उससे मोहब्बत करे। इसी गुस्से में उन्होंने अपनी ही बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी।
पहले गला दबाकर मारा, फिर लाश को सेप्टिक टैंक में डाल दिया
घटना 2 फरवरी की दोपहर की है। मृतका के छोटे भाई ज्योतिष कुमार पाण्डेय ने बहन को किसी लड़के से बात करते देख लिया। आवेश में आकर उसने बहन का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। फिर शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाल दिया। जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो शव को वहां से निकालकर पंचखेरी नदी के किनारे दफना दिया गया। मृतका के पिता मदन पाण्डेय ने सबूत मिटाने के लिए शव का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन सख्ती से की गई पूछताछ में पूरा सच सामने आ गया।
मृतका के पिता और भाई गिरफ्तार
इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश होने के बाद मृतका के पिता 73 वर्षीय मदन पाण्डेय बड़े भाई 36 वर्षीय नितीश पाण्डेय और छोटे भाई 20 वर्षीय ज्योतिष कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।
इज्जत के नाम पर कब तक होती रहेगी ऑनर किलिंग ?
इस खौफनाक वारदात ने न केवल एक स्त्री या एक बेटी की जान ली, बल्कि इज़्ज़त के नाम पर रिश्तों की भी बलि चढ़ा दी। जहां एक बेटी, एक बहन जिसे अपने ही परिवार से सबसे ज्यादा सुरक्षा और प्यार मिलना चाहिए था, उसी के अपनों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। आज के दौर में भी क्या समाज की दकियानूसी सोंच मासूमों की जिंदगी छीनती रहेगी? कब तक बेटियों की मौत को इज्जत का नाम दिया जाएगा? ऑनर किलिंग जैसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या हम वाकई इंसानियत के रास्ते पर हैं?