रांची : महाप्रबंधक (वित्त), झारखण्ड पर्यटन विकास निगम लि०, रांची के द्वारा धुर्वा थाने में फर्जी अकाउण्ट बनाकर अवैध तरीके से 10 करोड़ 40 लाख रूपये के निकासी के संबंध में काण्ड सं0-284/ 24, धारा-316 (5)/318(4)/338/ 336(3)/340(1)/340 (2) बी०एन०एस०-2023 दर्ज की गई जिसमें गिरजा प्रसाद, जे०टी०डी०सी०, रांची, आलोक कुमार, जे०टी०डी०सी०, रांची तथा अमरजीत कुमार, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केनरा बैंक, निफ्ट शाखा, हटिया के विरूद्ध काण्ड दर्ज किया गया है। 4अकटूबर को अपराध अनुसंधान विभाग, झारखण्ड, रांची के द्वारा इस काण्ड का अनुसंधान भार ग्रहण करते हुए सी०आई०डी० थाना काण्ड सं0-41/24 धारा-316(5)/318(4)/338/336(3)/340(1)/340(2)/61(2) बी0एन0एस0-2023 दर्ज की गई।महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड, रांची के द्वारा इस काण्ड के अनुसंधान हेतु अविलम्ब एक एस०आई०टी० का गठन किया गया, जिसमें रिषभ कुमार झा, भा०पु०से०, पुलिस अधीक्षक, आतंकवाद निरोधी दस्ता, झारखण्ड, तीन सहायक पुलिस अधीक्षकों तथा अपराध अनुसंधान विभाग की टीमों को शामिल किया गया।
अनुसंधान के क्रम में (1) गिरजा प्रसाद सिंह, उम्र 61 वर्ष, पिता-स्व० शालीग्राम सिंह, पता-मकान नं0-339 नहर पर, बेली रोड, गायत्री मंदिर के उत्तर में, थाना-रूपसपुर, जिला-पटना, तत्कालीन लेखापाल सह-कैशियर, जे०टी०डी०सी, राँची एवं (2) अमरजीत कुमार, उम्र-43 वर्ष, पिता-स्व० रिपुसुदन प्रसाद सिंह, पता-फ्लैट नं0-103, हरिगोपाल अपार्टमेंट, प्रेमनगर, लटमा रोड, सिंहमोड़, हटिया, रांची , तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केनरा बैंक, निफ्ट ब्रांच को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में इन दोनों ने इस काण्ड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अन्य साजिशकर्ता व्यक्तियों के नाम तथा उनकी संलिप्ता के बारे में बताया जिसमें से पुलिस के द्वारा (1) रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार, पिता-स्व० चन्द्रमा साह, पता-सेक्टर-8ए, स्ट्रीट-11, मकान नं0-2253, बोकारो एवं (2) लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश, पिता-स्व० गोविन्द साह, ग्राम-अपर दाउदनगर, डिबडीह, रांची को हिरासत में लेकर इनसे पूछताछ की गई। इन साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर इनके बताये स्थान से लगभग 85 लाख नकद तथा लगभग 15 लाख रूपये के सोने के गहने (प्राप्त कमीशन के पैसों से), कुल लगभग एक करोड़ के अपराध से अर्जित किये गये राशि को बरामद किया गया।
उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर को जी०एम०, फाईनेंस, झारखण्ड टुरिज्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 10.4 करोड़, झारखण्ड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 09 करोड़ रूपये के धोखाधड़ी कर फर्जी अकाउण्ट के द्वारा निकासी की शिकायत नेशनल साईबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एन०सी०सी०आर०पी०) पर दर्ज कराई गई तथा 4 अक्टूबर को झारखण्ड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 40.5 करोड़ तथा झारखण्ड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 56.5 करोड़ की राशि का फर्जी अकाउन्ट के द्वारा निकासी की शिकायत पोर्टल पर दर्ज करायी गई। इन सभी शिकायतों के आधार पर अपराध अनुसंधान विभाग में काण्ड दर्ज कर एस०आई०टी० के द्वारा अग्रतर अनुसंधान, सरकारी राशि को विभिन्न बैंक अकाउण्टों में फ्रिज तथा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।
अनुसंधान के क्रम में एन०सी०सी०आर०पी० पोर्टल / साईबर क्राईम थाना, सी०आई०डी० के द्वारा I4C साइबर क्राइम तथा विभिन्न बैंकों के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर अकाउण्ट फ्रिजिंग की कार्रवाई के साथ-साथ फर्जी अकाउण्टों के उद्भेदन की कार्रवाई भी की जा रही है। अभी तक कुल 300 (तीन सौ) विभिन्न फर्जी अकाउण्टों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें से सबसे ज्यादा फर्जी अकाउण्ट उत्कर्ष स्मॉल फाईनांस बैंक में खोले जाने की बात प्रकाश में आई है। अब तक के अनुसंधान में एस आई टी के द्वारा लगभग 39 करोड़ 70 लाख रूपये विभिन्न खातों में फ्रिज किये गये है। अग्रतर अनुसंधान जारी है।
झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड रांची के अधिकारी और अन्य गिरोह द्वारा 10 करोड़ 40 लाख की फर्जी निकासी
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