L19/Chatra : चतरा जिले में नदियों से बालू उठाव का काम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के प्रतिबंध के बावजूद जारी है। जिले से हर दिन अवैध रूप से बालू को धड़ल्ले से उठा लिया जा रहा है जिससे नदियां संकट में आने की स्थिति है। यही नहीं, सरकार को भी लाखों के राजस्व का नुकसाल झेलना पड़ रहा है। बता दें, एनजीटी की ओर से 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू उठाव के कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया है। यही नहीं, बालू उठाव को लेकर बैठकें भी की जा रही हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इस कारण से बालू माफिया निडर होकर बालू उठाव का काम कर रहे हैं।
कैसे दिया जा रहा है बालू उठाव के काम को अंजाम
हर रोज ट्रैक्टर के जरिये बालू उठाकर दूसरी जगह भेजने का काम किया जा रहा है। जिले में संचालित कई प्रोजेक्टों में भी बालू पहुंचाया जा रहा है। सरकारी व गैर सरकारी भवनों के निर्माण के साथ साथ पीसीसी सड़क में भी अवैध रूप से उठाये गये बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे ठेकेदार की ओर से पुल के निर्माण में भी अवैध बालू को उपयोग में लाया जा रहा है। अवैध रूप से बालू का उठाव होने की सूचना प्रशासन और टास्क फोर्स में शामिल पदाधिकारियों है, इसके बाद भी वे चुप्पी साधे हुए हैं।
उधर, टंडवा में कई परियोजनाओं का काम चल रहा है, जिसमें अवैध बालू का उपयोग किया जा रहा है। उपायुक्त अबु इमरान ने एनजीटी के निर्देश का सख्ती से पालन कराने के लिए जिला व प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स में शामिल पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है। इसके बावजूद बालू का अवैध रूप से उठाने का काम जारी है। जिला व प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स बीच बाच में अवैध रूप से बालू लदे एक-दो ट्रैक्टर को पकड़ कर केवल खानापूरी कर रही है। बता दें, चतरा के हंटरगंज, गिद्धौर, चतरा, पत्थलगड्डा, कान्हाचट्टी, इटखोरी, टंडवा, सिमरिया, प्रतापपुर समेत अन्य प्रखंडों की नदियों से बालू का उठाव किया जा रहा है।