L19/Ranchi. रांची शहर में पुराने मीटर को हटा कर नए स्मार्ट मीटर लगाने में बिजली कंज्यूमर उलझ कर रह गए हैं। जहां स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है, वहां पर दो-तीन माह से न तो रीडिंग हो रही है और न ही बिलिंग। यही हाल उन इलाको का भी हैं, जहां पर अभी स्मार्ट मीटर नहीं लगा है। इसके कारण वैसे उपभोक्ता जो नियमित बिल का भुगतान करना चाहते हैं, नहीं कर पा रहे हैं। एक तरफ जेबीवीएनएल प्रबंधन की ओर से राजस्व बढ़ाने का दबाव इंजीनियरों पर है, वहीं समय पर बिलिंग और रीडिंग नहीं होने से इंजीनियर और उपभोक्ता दोनों परेशान हैं। अब इस मामले को लेकर बिलिंग एजेंसी, स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी और जेबीवीएनएल के अफसर एक- दूसरे पर फेंका-फेंकी कर रहे हैं।
नया स्मार्ट मीटर तो लगाया जा रहा है, मगर जिस गति से मीटर लग रहा है, उस गति से जेबीवीएनएल आईटी सेल द्वारा मीटर की पंचिंग नहीं हो पा रही है । जब तक पंचिंग नहीं होगी, तब तक बिलिंग और रीडिंग होना मुश्किल है। इसको लेकर बिलिंग एजेंसीयों ने हाथ खड़े कर दिए है। जानकारी के मुताबिक, प्रतिदिन शहर में करीब 1000 स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं । मगर मुश्किल 100 के करीब ही स्मार्ट मीटर की पंचिंग हो पा रही है।
अब तक करीब 40 हजार स्मार्ट मीटर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगाये जा चुके हैं। लेकिन पंचिंग 10 हजार के करीब ही हो पायी है। इस कारण बिलिंग और ऑन स्पॉट रीडिंग नहीं हो पा रही है। इसकी मुख्य वजह मैन पावर की कमी बताया जा रहा है। यानी कंज्यूमर की समस्या कम होती फिलहाल नहीं दिख रही है।