L19 DESK : छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला अब झाऱखंड से भी पूरी तरह जुड़ने लगा है। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाला का ई़डी ने खुलासा किया है। इस मामले में नयी ईसीआईआर दर्ज करने के साथ ही झारखंड में नयी शराब नीति के एडवाइजर रह चुके अरुणपति त्रिपाठी समेत दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। ये कंपनियां मैनपावर सप्लाई कर चुकी सुमित फैसिलिटिज और होलोग्राम ट्रैकिंग का काम करने वाली कंपनी प्रिज्म है, जिन्हें झारखंड में उत्पाद विभाग ने भी बैन कर दिया है। इन्होंने लंबे वक्त तक झारखंड में कार्य किया है।
ईडी ने जांच में पाया है कि सिंडिकेट ने शराब सप्लायरों से मोटी रकम कमीशन पर ली। अवैध शराब की तस्करी शराब दुकानों से की गई। इसमें डिस्टिलरी संचालक, होलोग्राम मैन्यूफैक्चरर, बोतल निर्माता, परिवहन कंपनी, मैनपावर मैनेजमेंट कंपनी व जिलों के उत्पाद अधिकारियों की भूमिका रही। डिस्टिलरी संचालकों को भी अवैध गतिविधियों के संचालन की अनुमति देकर मोटी कमाई की गई।
ईडी के ईसीआईआर में आरोपी बनाये गये अरुणपति त्रिपाठी की बात करें तो वह शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 मई 2023 से ही जेल में बंद हैं। अरुणपति त्रिपाठी ने मैनेजिंग डायरेक्टर रहते हुए उन्होंने अवैध शराब की बिक्री का आदेस 15 जिलों में दिया था। उन्होंने छत्तीसगढ़ में मेसर्स सुमित फैसिलिटिज को 2019-22 तक अवैध तरीके से मैनपावर सप्लाई किया। अरुणपति छत्तीसगढ़ में प्रिज्म होलोग्राफी एंड फिल्म सिक्योरिटी प्रा. लि. को भी काम देकर अवैध शराब की बिक्री करायी। उनके अधीन सीएसएमसीएल ने कैश कलेक्शन का काम मेसर्स टॉप सिक्योरिटीज को दिया।
ये काम केस के एक अन्य आरोपी विकास अग्रवाल के कहने पर दिया गया था। टारगेट सेट कर के शराब को अवैध तरीके से बेचा जाता था। इस बिक्री से अरुणपति त्रिपाठी ने अकेले 20 करोड़ रुपये की कमाई की।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने पूर्व में झारखंड के अधिकारियों से भी पूछताछ की थी। साथ ही कार्य आवंटन से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। ईडी द्वारा नया केस दर्ज करने से झारखंड के शराब आवंटन का मामला भी जांच के दायरे में आ गया है।छत्तीसगढ़ में सिंडिकेट बना शराब के ठेके पर पूरा नियंत्रण करने के मामले में आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा, कांग्रेस नेता अनवर ढेवर और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के अरुणपति त्रिपाठी समेत 71 लोगों को आरोपी बनाया है।
बता दें कि झारखंड में साल 2021 में जब नई शराब नीति बनायी गई थी, तब सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी को ही राज्य की सरकार ने सलाहकार बनाया था। नई नीति लागू होने के बाद मैनपावर सप्लाई का काम सुमित फैसिलिटीज व होलोग्राम का काम यहां भी प्रिज्म को मिला था। दोनों कंपनियां दोनों ही राज्यों में सक्रिय थीं।