L19/Ranchi : राजधानी रांची में फर्जी डीड के साथ हुए जमीन के अवैध खरीद-बिक्री मामले पर प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड सरकार को चिट्ठी लिखी है। इडी की तरफ से जालसाजी कर बेची गयी जमीन का डीड रद्द करने और सौदा को कैंसल करने का आग्रह किया है। सेना की भूमि की अवैध खरीद-बिक्री मामले के उजागर होने के बाद राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और राज्स्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव अमिताभ कौशल को इडी ने पत्र लिखा है।
राज्य सरकार को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच के दौरान रिम्स के रेडियोग्राफर रहे अफसर अली उर्फ अब्शू खान के घर से 36 डीड (जमीन निबंधन के दस्तावेज) जब्त किये गये थे। इनका नमूना जांच और फोरेंसिक जांच कराने के लिए सभी दस्तावेजों को कोलकाता के अवर निबंधक कार्यालय में भेजा गया था। जालसाजों ने पूछताछ के दौरान यह बात स्वीकार किया था कि सभी 36 डीड कोलकाता रजिस्ट्रार कार्यालय में रखे हुए हैं। फर्जी दस्तावेज मूल दस्तावेजों में छेड़-छाड़ कर बनाया गया था।
इडी के आग्रह पर कोलकाता अवर निबंधक कार्यालय के अधिकारियों ने एक विशेष जांच दल भी गठित की है। विशेष जांच दल ने इडी द्वारा भेजे गये दस्तावेजों की मूल दस्तावेजों से मिलान भी की। इसमें इस बात की पुष्टि की गयी कि सभी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गयी है। इस आधार पर अफसर अली ने अपने तथाकथित नजदिकियों को जमीन का फरजी मालिक बना कर घोटाले को अंजाम दिया। कोलकाता की पुलिस ने इस संबंध में एक प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की है। इन्हीं सब बिंदुओं को आधार मान कर इडी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेची गयी जमीन पर पाबंदी लगाने का आग्रह करते हुए सरकार से नियमों के अनुकूल कार्रवाई करने को कहा है।
बता दें, जो फर्जी डीड अफसर अली ने बनवाये थे अफसर अली ने फर्जी डीड के आधार पर राजधानी रांची में 100 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद बिक्री करने में महती भूमिका निभायी है। इसमें कई आइएएस अधिकारी भी शामिल हैं। फिलहाल इडी की न्यायिक हिरासत में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन समेत 11 लोग हैं। इनकी जमानत याचिका लगातार खारिज हो रही है।
जानकारी के अनुसार डीड संख्या 1155 (वर्ष 1940), डीड संख्या 1716 (वर्ष 1940), 408 (वर्ष 1938), 1731 (वर्ष 1943), 342 (वर्ष 1978), 127 (वर्ष 1978), 619 (वर्ष 1966), 3885 (वर्ष 1940), 184 (वर्ष 1946), 31 (वर्ष 1952), 2741 (वर्ष 1942), 3219 (वर्ष 1935), 11022 (वर्ष 1980), 2376 (1940) समेत अन्य शामिल हैं। इनमें से अधिकतर डीड आजादी के पहले के हैं, जिसमें छेड़ छाड़ किया गया है।